Friday, 18 December 2015

सरल उपय से वस्तु दोष दूर करें भाग 2

### ऊँ नमो आदेश आदेश गुरु जी


मैं आपका दोस्त पंडित नरेश नाथ आपके अपार प्रेम के लिए आपको धन्यवाद देता हूँ। आज की मेरी पोस्ट बहुत ही ध्यान से पढ़ें, बहुत महत्वपूर्ण है आप सबके लिए।


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#### क्या आपके नए घर/भवन/मकान में है कोई परेशानी/समस्या?



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#### वास्तुशास्त्र के अनुसार नए घर में प्रवेश


**नए घर में प्रवेश उत्तरायण सूर्य में वास्तु पूजन करके ही करना चाहिए** | उसके पहले वास्तु का जप यथाशक्ति करा लेना चाहिए।

* माघ, फाल्गुन, वैशाख, ज्येष्ठ आदि माह। गृहप्रवेश  में शुभ माना जाता है।

- **माघ माह में प्रवेश करने वाले व्यक्ति को आर्थिक लाभ होता है।

  - **जो व्यक्ति अपने नए घर में फाल्गुन मास में वास्तु पूजन करता है**, उसे पुत्र, प्रौत्र और धन प्राप्ति दोनों होता है।

  - **चैत्र मास में नवीन घर में प्रवेश करने वाले को** धन का अपव्यय सहना पड़ता है।

  **बैशाख माह में जो व्यक्ति घर में प्रवेश करता है** उसके पास धन या अनाज नहीं रहता है।

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  - **जो व्यक्ति पशुओं एवं पुत्र का सुख चाहता हो**, ऐसे व्यक्ति को अपने नए मकान में ज्येष्ठ माह में प्रवेश करना चाहिए।

  - **शुक्लपक्ष की प्रतिपदा से लेकर कृष्णपक्ष की दशमी तिथि तक** वास्तुनुसार गृह प्रवेश वंश वृद्धि दायक माना गया है।

  - **धनु एवं मीन राशि के सूर्य** यानी कि मलमास में भी नए मकान में प्रवेश नहीं करना चाहिए।

 **यदि घर का दरवाजा दक्षिण दिशा की ओर हो** तो एकम, छठ, ग्यारस आदि के दिन घर में प्रवेश करना चाहिए।

  - **दूज, सप्तमी तिथि** पश्चिम दिशा के द्वार के गृह प्रवेश के लिए श्रेष्ठ बताई गई है।


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#### इन आसान उपायों से भगाएं परेशानियों को दूर


वास्तुशास्त्री एवं ज्योतिषी पंडित नरेश नाथ आपको अपने अनुभव से बता रहा हूँ कि हम सबकी जिंदगी में बहुत सी उलझनें होती हैं, समस्याएं होती हैं। इन उलझनों को दूर करने का जब और कोई माध्यम हमें नहीं सूझता, तब हम और आप तांत्रिक-मान्ट्रिक के लिए दौड़ भाग करना शुरू कर देते हैं। और ये तथाकथित सिद्ध बाबा अपने आडम्बरों से

पता नहीं कितने लोगों के दुख दूर हो सकते हैं, हां आपके पैसे से इन बाबाओं की गरीबी जरूर दूर हो सकती है।  मैं आज आपको कुछ छोटे मगर चमत्कारिक उपायों के बारे में बताता हूँ जिनसे आपकी अगर एक भी समस्या हल हो गई तो मैं अपनी इस रचना को सार्थक समझूंगा।


- **अगर खरीदा हुआ नया घर आपके लिए ज्यादा फलदायी नहीं है**, जैसे नए घर में प्रवेश करने पर पति-पत्नी में मनमुटाव, बच्चों में अशांति का दोष पाया जाता है, तो ऐसे घर में प्रवेश द्वार पर श्रीगणेश की मूर्ति स्थापित करनी चाहिए। ऐसा करने से शीघ्र चमत्कार होगा और आपका नया घर भी आपके लिए ढेरों खुशियां लेकर आएगा।


- **साथ ही धनदायक गणपति की प्रतिमा के साथ** श्रीपतये नमः, रत्नसिंहासनाय नमः, ममिकुंडलमंडिताय नमः, महालक्ष्मी प्रियतमाय नमः, सिद्ध लक्ष्मी मनोरप्राय नमः, लक्षाधीश प्रियाय नमः, कोटिधीश्वराय नमः जैसे मंत्रों का संपूट होता है। ऐसे मंत्रों का जप करके आप दौलतमंद तो होंगे ही, साथ-साथ आपकी सारी परेशानियां भी दूर हो जाएंगी।


- **अगर आप नया मकान खरीदने जा रहे हैं और आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है**, तो आप निम्न उपाय आजमाएं। भगवान गणेश आपकी सारी समस्याओं को दूर करके आपको नया मकान दिलाने में जरूर सहायता करेंगे।

गणपति जी का बीज मंत्र है "गं"। इस अक्षर के मंत्र का जाप करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। धन-समृद्धि के लिए षडक्षर मंत्र का जाप लाभकारी होता है।


    - **'ॐ गं गणपतये नमः'** 

    - **ॐ श्री विघ्नेश्वार्य नमः**

    - **ऊं श्री गणेशाय नमः**

    - **निर्हन्याय नमः**। 

    - **अविनाय नमः**। 


    जैसे मंत्रों से युक्त विघ्नहर्ता भगवान गणपति की प्रतिमा उस घर में स्थापित करनी चाहिए, जिस घर में हमेशा आर्थिक परेशानी, कलह, विघ्न, अशांति, क्लेश, तनाव, मानसिक संताप आदि दुर्गुण होते हैं।


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#### कैसे जानें कि आपका नया घर शुभ होगा या अशुभ?

नया घर बनाने या नया अपार्टमेंट खरीदने से पहले यह जानना बहुत जरूरी है कि इस घर से आपको फायदा होगा या नहीं। इसके लिए घर की आय और व्यय की गणना की जाती है।



- **आय की गणना**: घर का क्षेत्रफल निकालें। इस क्षेत्रफल को 8 से भाग दें। जो संख्या बाकी रहे उसे 'आय' समझना चाहिए। यदि बाकी रही संख्या 1, 3, 5, 7 है तो घर आपके लिए सुख समृद्धि लाएगा मगर 0, 2, 4, 6, 8 हो तो घर अशुभ या धन की कमी करने वाला हो सकता है। ऐसे में घर के 'बिल्ट अप एरिया' में परिवर्तन करके शुभ आय स्थापित की जा सकती है।


- **व्यय की गणना**: घर के क्षेत्रफल को 8 से गुणा करके 27 से भाग दें। यह संख्या घर का गृह नक्षत्र बताएगी। इस संख्या को 8 से भाग देने पर शेष संख्या 'व्यय' कहलाएगी। यदि 'आय' की संख्या व्यय से अधिक है तो घर शुभ माना जाए, यदि आय-व्यय बराबर हों तो आय-व्यय से कम हो तो वह घर कदापि आपको उन्नति नहीं देगा। ऐसे घर में परिवर्तन करना नितांत आवश्यक होता है।


उदाहरण: एक घर का क्षेत्रफल 997 वर्ग फुट है। राशि की गणना निम्नानुसार की जाएगी.

  - **997 भाग 8** शेष 7, 7 विषम आय है जो शुभ है।


  - **व्यय की गणना**: क्षेत्रफल - 997 वर्गफीट

    - **997 गुणा 8 - 7976**

    - **7976 भाग 27**

यदि हम यहां धन और व्यय को देखें तो व्यय धन से अधिक है, इसलिए घर धन या समृद्धि नहीं देगा। घर बनाने से पहले इन सभी बातों पर विचार करना जरूरी है ताकि नया घर आपके जीवन में खुशियां लेकर आए।



#### इन उपाय/टोटकों/यंत्रों द्वारा भी पायें बिना तोड़फोड़ के वास्तु दोष में सुधार


1) **महावास्तु दोष निवारक मंत्र**


दुर्भाग्यवश यदि आपका पूरा मकान निवास स्थान या फ्लैट ही वास्तु विरुद्ध बन गया हो और आप किसी भी हालत में उसमें सुधार नहीं कर सकते तो केवल महावास्तु मंत्र का जाप एवं कुर्म देवता की पूजा करनी चाहिए। 


  - सबसे पहले लाल चन्दन और केसर कुमकुम मिला कर एक पवित्र स्थान पर कछुए की आकृति बना लें।

  - कछुए के मुख की ओर सूर्य तथा पूछ की ओर चंद्रमा



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