Monday, 14 December 2015

पूर्वजन्म सन्तान फल के बारे मे बता रहा हूँ


**पूर्वजन्म के कर्मों का प्रभाव: संतान के रूप में किस प्रकार के संबंधी मिलते हैं**

ऊँ नमो आदेश आदेश गुरु को। मैं आपका दोस्त पंडित नरेश नाथ, आज आपको पूर्वजन्म के कर्मों से संतान के रूप में मिलने वाले विभिन्न प्रकार के संबंधियों के बारे में बता रहा हूँ।

हमारे पूर्वजन्म के कर्मों के आधार पर इस जन्म में हमें माता-पिता, भाई-बहन, पति-पत्नी, प्रेमिका, मित्र-शत्रु, सगे-संबंधी इत्यादि के रूप में संबंधी मिलते हैं। ये रिश्ते इसलिए होते हैं क्योंकि हमें इनसे कुछ देना या लेना होता है। इसी प्रकार, संतान के रूप में हमारे पूर्वजन्म के संबंधी जन्म लेते हैं, जिन्हें शास्त्रों में चार प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है:

1. **ऋणानुबन्ध**: यह पूर्वजन्म का वह जीव होता है जिससे आपने ऋण लिया हो या जिसका धन नष्ट किया हो। ऐसा संतान बनकर आपके घर में आएगा और आपका धन बीमारी या व्यर्थ के कार्यों में नष्ट करेगा, जब तक कि उसका हिसाब पूरा न हो जाए।

2. **शत्रु पुत्र**:
पिछले जन्म का शत्रु जब पुत्र के रूप जन्म लेता है तो माता पिता को अनेक तरह से कष्ट देता है।  

3. **उदासीन**: इस प्रकार की संतान माता-पिता को न तो कष्ट देती है और न ही सुख। विवाह के बाद यह माता-पिता से अलग हो जाती है और अपनी स्वतंत्र जीवन शैली अपनाती है।

4. **सेवक पुत्र**: यदि आपने पूर्वजन्म में किसी की खूब सेवा की है, तो वह व्यक्ति अपनी सेवा का ऋण चुकाने के लिए आपकी संतान के रूप में जन्म लेता है और आपकी सेवा करता है।

यह केवल मनुष्यों पर लागू नहीं होता; यह चारों प्रकार के जीवों पर भी लागू हो सकते हैं। जैसे, यदि आपने किसी गाय की नि:स्वार्थ भाव से सेवा की है, तो वह गाय संतान के रूप में आ सकती है। वहीं, यदि आपने गाय को स्वार्थवश पालकर उसके दूध देना बंद कर दिया और उसे घर से निकाल दिया, तो वह ऋणानुबन्ध संतान बनकर आ सकती है। इसी प्रकार, यदि आपने किसी निर्दोष जीव को सताया है, तो वह आपके जीवन में शत्रु बनकर आ सकता है।

प्रकृति का नियम है कि आप जो भी कर्म करेंगे, वही आपको लौटेगा। यदि आपने किसी को एक रूपया दिया है, तो आपके खाते में सौ रूपये जमा हो जाएंगे। वहीं, यदि आपने किसी का एक रूपया छीना है, तो आपकी जमा राशि से सौ रूपये निकल जाएंगे।

यदि आपकी कोई भी समस्या या सुझाव हो, तो मेरे वट्सऐप नंबर पर मैसेज करें या सुबह 10-11 बजे के बीच फोन करें या मेल करें:  
Shivjyotish9@gmail.com  
09317666790  
जय महाकाली



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