Tuesday, 15 December 2015

विदेश यात्रा और लाभ हेतु शक्तिशाली तंत्र प्रयोग




**विदेश यात्रा और लाभ हेतु शक्तिशाली तंत्र प्रयोग**


अगर आपने विदेश में नौकरी पाने, व्यापारिक लाभ प्राप्त करने या विदेश यात्रा में बाधाओं को पार करने के लिए कई प्रयास किए हैं और फिर भी सफलता नहीं मिल रही है, तो यह अनुभूत प्रयोग आपके लिए लाभकारी हो सकता है। इस प्रयोग को आप दिन या रात किसी भी समय कर सकते हैं, लेकिन इसे शुभ और शुक्लपक्ष के शुक्रवार को करना सबसे अच्छा होता है।


**साधना विधि:**


1. **स्थान चयन**: एक आसन पर पश्चिम दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं।

2. **आवश्यक सामग्री**: 

   - दक्षिणवर्ती शंख

   - घी का दीपक

   - स्फटिक की माला

   - केसर

   - पुष्प

   - धूप और दीप


3. **साधना विधि**:

   - एक चौकी पर दक्षिणवर्ती शंख और घी का दीपक रखें।

   - शंख पर केसर से स्वस्तिक चिह्न बनाएं, पुष्प चढ़ाएं और धूप-दीप जलाएं।

   - स्फटिक की माला से 5 दिनों में 11,000 बार निम्न मंत्र का जाप करें:

     - **मंत्र**: ऊं अनंग वल्लभाये विदेश गमनार्थ कार्य सिद्धयर्थे नमः।

     - ध्यान दें कि हर शब्द के आगे और पीछे 'A' जोड़ें: Aऊं Aअनंग Aवल्लभाये Aविदेश Aगमनार्थ Aकार्य Aसिद्धयर्थे AनमःA।

   - मंत्र जाप पूर्ण होने के बाद दक्षिणवर्ती शंख को सफेद वस्त्र में लपेटें और उसे सन्दूक या ब्रीफकेस में सुरक्षित रख लें।


**नोट**: इस प्रयोग को आस्था और विश्वास के साथ करें। नियमित जाप से विदेश में लाभ और यात्रा के अवसर जीवन में बार-बार मिल सकते हैं।


इस प्रयोग को नए तरीके और युनिक रूप में करें, और आस्था के साथ अपेक्षित परिणाम प्राप्त करें।



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