Saturday, 6 February 2016

माटी चिकित्सा: एक प्रभावी प्राकृतिक उपचार

**ऊँ नमो आदेश आदेश गुरु को,**


मैं आपका दोस्त पंडित नरेश नाथ, आज आपको प्राकृतिक चिकित्सा के एक प्रभावशाली उपाय के बारे में जानकारी दे रहा हूँ। माटी की चिकित्सा से स्वास्थ्य लाभ प्राचीन काल से होता आ रहा है, और आज के विज्ञान ने भी इसकी उपयोगिता को स्वीकार किया है।


**माटी चिकित्सा: एक प्रभावी प्राकृतिक उपचार**


**माटी का महत्व:**

माटी चिकित्सा का उपयोग चर्म विकृतियों, घावों, और शरीर की विभिन्न बीमारियों के इलाज में किया जाता है। माटी से शरीर को कई लाभ मिलते हैं, जैसे कि शरीर की तरोताजा स्थिति और ऊर्जा का संचार।


**प्राकृतिक उपचार के तरीके:**


1. **मड पेक (Mud Pack) बनाना:**

   - **मिट्टी का चयन**: जमीन की सतह से आधा इंच मिट्टी हटा कर, नीचे की शुद्ध मिट्टी एकत्र करें। ध्यान दें कि इसमें कंकड़ या पत्थर न हो।

   - **घोल तैयार करना**: इस मिट्टी में गर्म पानी डालकर एक घोल बनाएं और ठंडा होने दें। फिर इसे कपड़े पर फैला लें।

   - **प्रयोग**: इस गीली मिट्टी को प्रभावित स्थान पर 30 मिनट से एक घंटे तक रखें। यह उपचार ज्वर, फ्लू, खसरा, गठिया, सूजन, और कई अन्य रोगों में लाभकारी है।


2. **कीचड़ स्नान:**

   - **कीचड़ तैयार करना**: मिट्टी को गर्म पानी के साथ घोलकर कीचड़ बनाएं।

   - **स्नान की विधि**: इस कीचड़ को पूरे शरीर पर लगाएं और ऊपर से कंबल लपेट लें। आधे घंटे बाद गर्म पानी से स्नान करें और फिर ठंडे पानी से धो लें। यह त्वचा रोगों, सोरियासिस, और गठिया में लाभकारी है।


**स्वास्थ्य लाभ:**

माटी चिकित्सा से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि यह मानसिक शांति भी प्रदान करता है। नियमित प्रयोग से त्वचा में निखार आता है, और कई पुराने रोगों में सुधार होता है।


**हमारी सेवाएं:**

हमारी टीम आपकी हर समस्या का समाधान बिल्कुल मुफ्त करती है, जिसमें रैकी और मंत्र थैरेपी शामिल है। यह सेवा दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक उपलब्ध है। आपकी सहायता से प्राप्त धन का उपयोग गऊ माता और कन्या विकास के कार्यों में किया जाएगा।


**संपर्क विवरण:**

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**जय महाकाली!**




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