Saturday, 30 July 2016

हस्तरेखा: आपके प्रेम जीवन की कहानी**

ॐ नमो आदेश आदेश गुरु जी को मैं आपका दोस्त पंडित नरेश नाथ जी आज आपको| बता रहा हूँ । हस्तरेखा और प्यार


हस्तरेखा: आपके प्रेम जीवन की कहानी**

**क्या आप जानना चाहते हैं कि आपका प्रेम जीवन कैसा होगा?** 

**क्या आप अपने भावी जीवनसाथी के बारे में जानना चाहते हैं?**

**तो हस्तरेखा आपके लिए एक अद्भुत मार्गदर्शक हो सकती है!**

**आइए जानते हैं कैसे:**

**शुक्र पर्वत:**

* यह अंगूठे के निचले भाग में स्थित होता है।
* यदि यह उभरा हुआ है, तो आप विपरीत लिंग के प्रति आकर्षित होते हैं।
* यदि पहला पोरू छोटा है और मस्तिष्क रेखा नहीं है, तो आप वासनात्मक हो सकते हैं।
* यदि पहला पोरू बड़ा और मस्तिष्क रेखा लंबी है, तो आप संयमी हैं।
* यदि स्त्री के हाथ में शुक्र पर्वत उभरा हुआ है, मस्तिष्क रेखा कमजोर है, पहला पोरू छोटा है, हृदय रेखा में द्वीप हैं, और सूर्य और बृहस्पति का क्षेत्र दबा हुआ है, तो वह शीघ्र ही विवाह के बाद विवादग्रस्त हो सकती है।

**हृदय रेखा:**

* यदि यह गुरु पर्वत तक सीधी जाती है और शुक्र पर्वत अच्छा है, तो पुरुष अच्छा प्रेमी होता है।
* यदि स्त्री के हाथ में यह रेखा गुरु पर्वत तक जाती है और तर्जनी अनामिका से बड़ी है, तो वह प्रेम में वफादार नहीं होती है।
* यदि हृदय रेखा में द्वीप हैं, तो प्रेम संबंधों में बाधाएं आ सकती हैं।

**विवाह रेखा:**

* यदि हथेली में विवाह रेखा और कनिष्ठिका अंगुली के बीच दो-तीन रेखाएं हैं, तो उतने ही प्रेम संबंध होंगे।
* यदि एक ही रेखा है और वह स्पष्ट है, तो जातक/जातिका एक पत्निव्रता होता है।
* यदि रेखा शुरुआत में गहरी और चौड़ी है, लेकिन बाद में पतली हो जाती है, तो प्रेम में कमी आ सकती है।

**अन्य संकेत:**

* यदि मंगल रेखा हृदय रेखा को काटती है, तो प्रेम संबंधों में क्रोध और झगड़े हो सकते हैं।
* यदि शनि रेखा हृदय रेखा को काटती है, तो प्रेम संबंधों में देरी या बाधाएं आ सकती हैं।
* यदि गुरु रेखा हृदय रेखा को स्पर्श करती है, तो प्रेम संबंधों में सौभाग्य और स्थिरता मिल सकती है।

**हस्तरेखा एक जटिल विज्ञान है, और इन संकेतों की व्याख्या केवल एक अनुभवी ज्योतिषी द्वारा ही सही ढंग से की जा सकती है।**

**अन्य बहुप्रयोगी पोस्ट:**

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**नोट:**

* यह पोस्ट केवल जानकारी के लिए है। 
* किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले ज्योतिषी से सलाह लें।


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