Monday, 20 March 2017

शुक्र की भूमिका प्यार / इश्क /मोहब्बत/ लव करने से पूर्व देख लें अपने हाथों की रेखा

ॐ नमो आदेश आदेश गुरू जी को मैं आपका दोस्त पंडित नरेश नाथ जी प्रिय मित्रों आज बात करते हैं  शुक्र की भूमिका प्यार / इश्क /मोहब्बत/ लव करने  से पूर्व  देख लें अपने हाथों की रेखा ()-------

पंडित नरेश नाथ जी खन्ना वाले 9317666790

### हाथों की बनावट और रेखाएं

हाथों की बनावट और रेखाएं आपके स्वभाव और विचारों को प्रकट करती हैं। हस्तरेखा में रेखाओं के अतिरिक्त पर्वत क्षेत्र भी महत्वपूर्ण होते हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है **शुक्र पर्वत**। 

#### शुक्र पर्वत का महत्व
शुक्र पर्वत अंगूठे के नीचे स्थित होता है और व्यक्ति की प्रणय, वासना, प्रेम और भोग विलास को दर्शाता है। इसका उन्नत होना व्यक्ति के सेक्स संबंधी विचारों को बढ़ावा देता है।

**शुक्र पर्वत की अवस्थाएं:**
1. **अत्यधिक उन्नत:** व्यक्ति अत्यधिक कामुक और भोग विलास में लिप्त होता है।
2. **सामान्य:** व्यक्ति स्वस्थ, सुंदर, और संतान उत्पन्न करने में सक्षम होता है।
3. **कम उन्नत:** व्यक्ति निरस, रुखे स्वभाव का और संतान उत्पन्न करने में असक्षम हो सकता है।

#### शुक्र वलय योग
शुक्र वलय योग अंगूठे के पास वाली अंगुली से निकलकर शनि और सूर्य पर्वतों को घेरते हुए बनता है। 

**शुक्र वलय की अवस्थाएं:**
1. **पतली रेखा:** व्यक्ति समझदार और बातचीत में माहिर होता है।
2. **अनेक रेखा:** व्यक्ति के शादी के बाद भी अन्य संबंध हो सकते हैं।
3. **विवाह रेखा काटती है:** वैवाहिक जीवन का सुख नहीं होता।
4. **द्वीप:** प्रेमिका षड्यंत्रकारी हो सकती है।
5. **सूर्य रेखा काटती है:** व्यक्ति नीच और बुरे विचारों वाला हो सकता है।

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**महाकाली आपका मंगल करें।**



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