श्री महालक्ष्मी बीसा यंत्र प्रयोग
**श्री महालक्ष्मी बीसा यंत्र प्रयोग**
*श्री महालक्ष्मी बीसा यंत्र* अपने आप में अद्भुत हैं। इसका वर्णन सूर्य को दीप दिखाने जैसा है, क्योंकि यह यंत्र अनेकानेक गुणों की खान है। आज हम आपको इस महायंत्र के बारे में बता रहे हैं, जिसे सिद्ध करके रंक भी राजा बन सकता है। जिस पर महालक्ष्मी दयालु हो जाएं, उसके लिए क्या असंभव है! आप ऐसे अनेक लोगों को देख सकते हैं जो देखते-देखते ही अमीर बन गए।
जिनके पास *चैतन्य सिद्ध बीसा यंत्र* होता है, उनका पृथ्वी लोक में भी कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। यहाँ तक कि स्वयं भगवान भी उनका बुरा नहीं कर सकते। यह बीसा यंत्र महालक्ष्मी का बहुत ही विशेष और प्रिय यंत्र है। यह यंत्र अकेले ही आपको रंक से राजा बनाने की शक्ति रखता है। विशेष बात यह है कि इस यंत्र में महालक्ष्मी स्वयं वास करती हैं और जहाँ लक्ष्मी हैं, वहाँ अभाव का कोई स्थान नहीं रहता। असंभव शब्द का कोई अर्थ नहीं रह जाता।
**सिद्ध करने की विधि:**
1. **तय समय:** 7/8 अगस्त की रात्री में इस यंत्र को सिद्ध करें।
2. **यंत्र निर्माण:** इसे *चांदी*, *तांबा* या *भोजपत्र* पर बनाएं।
3. **सिद्धि विधि:** ग्रहण काल में *2100 मंत्रों* से सिद्ध करें।
4. **हवन:** ग्रहण के तुरंत बाद *दशांश हवन* करें।
5. **आरती और क्षमा अर्चना:** माँ की आरती करें और क्षमा अर्चना करें।
6. **भोजन:** सुबह कन्या को भोजन कराएं।
7. **धूप और दीप:** इस यंत्र को सुबह और शाम धूप और दीप दिखाएं।
**विशेष लाभ:**
- यदि किसी विशेष कार्य में जाते समय इसे साथ ले जाएं, तो 101% सफलता मिलती है।
- यदि विवाह योग्य बच्चों की शादी में रुकावट आ रही हो या नौकरी नहीं मिल पा रही हो।
- यदि घर में बरकत नहीं है या रोग पीछा नहीं छोड़ रहे हैं, तो यह यंत्र आपके लिए बहुत काम का सिद्ध हो सकता है।
**प्राप्ति विधि:**
आप इस दिव्य यंत्र को घर बैठे भी प्राप्त कर सकते हैं। आपके नाम, कुल और गोत्र के अनुसार सिद्ध किया हुआ भोजपत्र आपको प्रदान किया जाएगा।
**सिद्धि विधि:**
- *भोजपत्र*, *अष्टगंध*, *शाही अनार की कलम*, *लाल आसन*, और *लाल वस्त्र* पहनें।
- दिशा *पश्चिम* होनी चाहिए।
**मंत्र:**
*ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं क्लीं श्री महालक्ष्मी मम गृहे धनं पूरय पूरय चिंतायै नाशय नाशय स्वाहा*
**विशेष बातें:**
1. यंत्र को चांदी, तांबा, या भोजपत्र पर बनाएं।
2. ग्रहण काल में 2100 मंत्रों से सिद्ध करें।
3. ग्रहण के तुरंत बाद दशांश हवन करें।
4. माँ की आरती और क्षमा अर्चना करें।
5. कन्या को सुबह भोजन कराएं।
6. यंत्र को सुबह और शाम धूप और दीप दिखाएं।
7. विशेष कार्यों में साथ ले जाने से सफलता मिलेगी।
8. यदि घर में बरकत नहीं है या स्वास्थ्य समस्याएं हैं, तो यह यंत्र लाभकारी होगा।

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