Friday, 19 July 2024

व्यापार तथा धन बढ़ाने का मंत्र

व्यापार बढ़ाने का मंत्र

व्यापार में सफलता प्राप्त करने और आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए निम्नलिखित मंत्र और साधना विधि अत्यंत प्रभावकारी मानी जाती है:

### मंत्र

ॐ गुरूजी भर्तहरि गोपीचन्द ने मुआ मढ़ी मसान जगाया। मढ़ी मसान में काल भैरव आया। काली पुत्र काल भैरव। काल भैरव गले काला नाग काला केश। कानों मुंदरा काँधे झोली भगवा भेष। काशी कोतवाल मरघट वासी। थर थर काँपे यमदूत दुष्ट पापी। शिव स्वरूप स्वान की सवारी। भस्म लगाये मसान धारी। हाथ में खप्पर रक्त की प्याली। शिव शक्ति का प्रिय मुण्ड माला धारी। डंकिनी संकिनी भूत प्रेत किया कराया को तोड़ मरोड़ मरघट में ले जाये। रूठी लक्ष्मी माई को फिर मना ले आये। काला हाथी काला पलान। जिस पर लक्ष्मी माई सवार। सतगुरु सिखाये अढ़ाई आखर। अढ़ाई आखर गये सतगुरु के पास। सतगुरु बुलाये लक्ष्मी माई आये। लक्ष्मी माई का लगा चक्कर। धन से भरे रहे योगी का झोली खप्पर। आओ लक्ष्मी माई बैठो आंगन। रोली सिन्दुर चढ़ाऊँ। गले में नवलखा हार पहनाऊँ। वचनों की बांधी आओ हमारे पास। पहला वचन ब्रम्हा जी का। दूजा वचन विष्णु जी का। तीजा वचन महादेव जी का। वचन चुके तो लोना चमारी की नाँद कपूरी धोबिन के कुढ़े में पड़े। कुबेर देव की लाख लाख दुहाई। अलकापुरी का कुबेर देव। कुबेर देव हाथ सोने का कलश कुण्डलधारी। कुबेर देव भण्डार का भण्डारी। कुबेर भण्डारी तू महादेव जी का चेला। खोल अपना खजाना भण्डार भर दे मेरा। सात कोस की ऋद्धि-सिद्धि  लाओ । सोयी होए जगा लाओ। बैठी होए उठाकर लाओ। नही लाओ तो महादेव जी की कोटी कोटी आन पड़े । 14 कोस की पराई माया लाओ। रिद्धि सिद्धि छूटे तो गोरां पार्वती का कंगन टूटे। रिद्धि सिद्धि खूंटे तो सतवंती सीता माई का सत टूटे। शब्द साँचा पिण्ड काँचा। फुरो मंन्त्र गुरु गोरक्ष नाथ वाचा। सतनाम आदेश गुरु का।

### साधना विधि

इस मंत्र की साधना विधि का पालन करने से व्यापार में वृद्धि और धन की प्राप्ति होती है। इस विधि का सही और नियमित रूप से पालन करना आवश्यक है। साधना के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

1. **समय और स्थान का चयन:**
   साधना के लिए रात्रि के 12 बजे का समय सबसे उपयुक्त है। इसे एकांत कक्ष या मसान में करना चाहिए। साधना के दौरान साधक का मुख उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।

2. **पूजा सामग्री:**
   साधना के लिए निम्नलिखित सामग्री एकत्रित करें:
   - एक सुपारी
   - एक मीठा पान
   - एक जायफल
   - एक श्रीफल
   - कपूर की चौकी
   - सात इलायची
   - सात लोंग
   - सात बतासा
   - एक इत्र की शीशी
   - सात प्रकार की मिठाई
   - एक गिलास दूध जिसमें गुड़ मिला हो
   - सिन्दूर
   - रोली मोली
   - गुलाब के फूलों की माला

3. **दीपक जलाना:**
   साधना के समय एक चौमुखा दीपक जलाएं और उसे पूजा स्थान पर स्थापित करें।

4. **मंत्र जाप:**
   41 दिनों तक प्रतिदिन इस मंत्र का 21 बार जाप करें। जाप के दौरान उपरोक्त सभी सामग्री का उपयोग करें।

5. **अंतिम दिन की पूजा:**
   अंतिम दिन, सभी सामग्री को एकत्रित कर पारंपरिक तरीके से पूजा करें। पूजा समाप्त होने पर जायफल, श्रीफल, और सुपारी को तिजोरी में रख दें।

6. **कन्या भोज:**
   साधना समाप्त होने के बाद 21 कन्याओं को भोजन कराएं और उन्हें दक्षिणा दें।

### लाभ और परिणाम

इस मंत्र और साधना विधि का पालन करने से निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:

- व्यापार में और धन मे बढोतरी होती है 
- आर्थिक स्थिरता और समृद्धि
- रूठी हुई लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति
- व्यापारिक समस्याओं का समाधान

इस साधना को विधिपूर्वक और श्रद्धा के साथ करने पर अवश्य ही व्यापार में सफलता प्राप्त होती है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।

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फ़ोन: 9317666790



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