शराब छुड़वाने का प्राचीन टोटका: तंत्र शास्त्र का प्रभावी उपाय
शराब एक सामाजिक बुराई है जो न केवल व्यक्ति को बल्कि पूरे परिवार को भी नष्ट कर देती है। शराब की लत जिसे लग जाती है, उसका जीवन मुश्किल हो जाता है। तंत्र शास्त्र में कई ऐसे टोटके हैं जो शराब की लत को छुड़वाने में सहायक हो सकते हैं। यहाँ एक विशेष टोटके का वर्णन किया जा रहा है, जिसे अपनाकर शराब की लत छुड़वाई जा सकती है।
### आवश्यक सामग्री:
- सवा मीटर काला कपड़ा
- सवा मीटर नीला कपड़ा
- 800 ग्राम कच्चे कोयले
- 800 ग्राम काली साबूत उड़द
- 800 ग्राम जौ
- 800 ग्राम काले तिल
- 8 बड़ी कीलें
- 8 सिक्के
- एक जटा वाला नारियल
- काजल
- धूप-दीप
- काला धागा (जिस व्यक्ति की शराब छुड़वाना हो, उसकी लंबाई से आठ गुना अधिक)
### विधि:
1. **शुक्ल पक्ष के पहले शनिवार की सुबह**:
- सवा मीटर काला कपड़ा और सवा मीटर नीला कपड़ा लेकर इन्हें एक-दूसरे के ऊपर रख दें।
- इस पर 800 gm कच्चे लकड केकोयले, 800 ग्राम काली साबूत उड़द की दाल, 800 ग्राम जौ, 800 ग्राम काले तील, आठ बड़ी कीलें और आठ रु के सिक्के रखकर एक पोटली बांध लें।
2. **नारियल की तैयारी**:
- जिस की लत छुड़वानी हो, उस व्यक्ति की लंबाई से आठ गुना काला धागा लेक पूजा के नारियल पर लपेट दो।
- नारियल को काजल का तिलक लगाएं और धूप-दीप अर्पित करें।
- शराब पीने की लत छुड़ाने का निवेदन करें।
3. **सामग्री का प्रवाह**:
- यह सारी सामग्री किसी बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें।
- जब सामग्री नजर से दूर चली जाए तो घर वापस आ जाएं।
- ध्यान रखें मुड़कर न देखें।
- घर आ कर पहले हाथ-पैर धोएं।
4. **पीपल वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं**:
- शाम को किसी पीपल के वृक्ष के नीचे जाकर तिल के तेल का दीपक लगाएं।
- यही प्रक्रिया आने वाले बुधवार और शनिवार को फिर दोहराएं।
- इस टोटके के बारे में किसी को कुछ न बताएं।
### परिणाम:
कुछ ही समय में आप देखेंगे कि जो व्यक्ति शराब का आदि था, वह शराब छोड़ देगा। इस टोटके को पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ अपनाएं और इसके चमत्कारिक प्रभाव को महसूस करें।
### निष्कर्ष:
यह प्राचीन तांत्रिक टोटका शराब की लत छुड़वाने में अत्यंत प्रभावी है। इसे सही तरीके से और संपूर्ण विश्वास के साथ प्रयोग करें। अपने गुरु या वरिष्ठ सदस्यों से परामर्श लेकर ही इस विधि का पालन करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
### नोट:
सभी धार्मिक और आध्यात्मिक उपायों को करने से पहले अपने गुरु या वरिष्ठ सदस्यों से परामर्श अवश्य करें। जय माता की!
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