### व्यापार बढ़ाने का मंत्र
#### मंत्र
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ॐ गुरूजी भर्तहरि गोपीचन्द ने मुआ मढ़ी मसान जगाया। मढ़ी मसान में काल भैरव आया। काली पुत्र काल भैरव। काल भैरव गले काला नाग काला केश। कानों मुंदरा काँधे झोली भगवा भेष। काशी कोतवाल मरघट वासी। थर थर काँपे यमदूत दुष्ट पापी। शिव स्वरूप स्वान की सवारी। भस्म लगाये मसान धारी। हाथ में खप्पर रक्त की प्याली। शिव शक्ति का प्रिय मुण्ड माला धारी। डंकिनी संकिनी भूत प्रेत किया कराया को तोड़ मरोड़ मरघट में ले जाये। रूठी लक्ष्मी माई को फिर मना ले आये। काला हाथी काला पलान। जिस पर लक्ष्मी माई सवार। सतगुरु सिखाये अढ़ाई आखर। अढ़ाई आखर गये सतगुरु के पास। सतगुरु बुलाये लक्ष्मी माई आये। लक्ष्मी माई का लगा चक्कर। धन से भरे रहे योगी का झोली खप्पर। आओ लक्ष्मी माई बैठो आंगन। रोली सिन्दुर चढ़ाऊँ। गले में नवलखा हार पहनाऊँ। वचनों की बांधी आओ हमारे पास। पहला वचन ब्रम्हा जी का। दूजा वचन विष्णु जी का। तीजा वचन महादेव जी का। वचन चुके तो लोना चमारी की नाँद कपूरी धोबिन के कुढ़े में पड़े। कुबेर देव की लाख लाख दुहाई। अलकापुरी का कुबेर देव। कुबेर देव हाथ सोने का कलश कुण्डलधारी। कुबेर देव भण्डार का भण्डारी। कुबेर भण्डारी तू महादेव जी का चेला। खोल अपना खजाना भण्डार भर दे मेरा। सात कोस की रिद्धि लाओ। सात कोस की सिदधी लाओ। सोई होय जगा लाओ। बैठी होए उठा लाओ। नही लाओ तो महादेव जी की कोटी कोटी आन। चौदह कोस की पराई माया लाओ। ऋद्धि सिदधी छूटे तो गोरां पार्वती मां का कंगन टूटे। ऋद्धि सिदधी घटे तो सतवंती सीता मां का सत छुटे। मंत्र साँचा पिण्ड काँचा। फुरो मंन्त्र गुरु गोरक्ष नाथ वाचा। आदेश गुरु का।
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### साधना विधि
1. **साधना अवधि**: 41 दिन
2. **साधना स्थल**: मसान (श्मशान) या अपने घर का एकांत कक्ष
3. **मंत्र जाप**: प्रतिदिन 21 बार
### आवश्यक सामग्री
1. चौमुखा दीपक
2. सुपारी
3. मीठा पान
4. जायफल
5. श्रीफल
6. कपूर की चौकी
7. सात इलायची
8. सात लौंग
9. सात बताशा
10. इत्र की शीशी
11. सात प्रकार की मिठाई
12. एक गिलास दूध जिसमें गुड़ मिला हो
13. सिन्दूर
14. रोली
15. मोली
16. गुलाब के फूलों की माला
### साधना की विधि
1. **दीपक जलाना**: उत्तर दिशा की ओर मुख करके रात 12 बजे चौमुखा दीपक जलाएं।
2. **सामग्री अर्पित करना**: उपरोक्त सभी सामग्री अर्पित करें।
3. **मंत्र जाप**: प्रतिदिन 21 बार मंत्र का जाप करें।
4. **अंतिम दिन की विधि**:
- सभी सामग्री अर्पित करें।
- आते समय जायफल, श्रीफल, और सुपारी को लेकर आएं और तिजोरी में रख दें।
- 21 कन्याओं को भोजन कराएं और दक्षिणा दें।
### अंतिम दिन की विशेष विधि
1. अंतिम दिन, उपरोक्त सभी सामग्री अर्पित करें।
2. जायफल, श्रीफल, और सुपारी को अपने साथ लेकर आएं और तिजोरी में रख दें।
3. 21 कन्याओं को भोजन कराएं और दक्षिणा दें।
### निष्कर्ष
इस साधना को विधिपूर्वक 41 दिन तक करें। ध्यान रखें कि मंत्र जाप और सामग्री अर्पित करते समय पूरी श्रद्धा और विश्वास रखें। इस साधना से आपका व्यापार अवश्य बढ़ेगा और सभी इच्छाएं पूरी होंगी।
**नोट**: गुरु की आज्ञा से ही साधना शुरू करें, लाभ और हानि के लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे। गलत तरीके से साधना न करें। जैसा लिखा है वैसा ही करें, लाभ अवश्य होगा।
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