Monday, 20 February 2023

स्फूर्ति चुस्ती और प्रत्येक कार्य में सफलता के लिए वायु वेग से वायु गमन की शक्ति प्राप्त करे



### नमस्कार और स्वागत

नमस्कार! मैं पंडित नरेश नाथ, आज के इस एपिसोड में आप सभी का स्वागत करता हूं। हमारे चैनल और ब्लॉग पर आपको विभिन्न दिव्य और अचूक तांत्रिक टोटके, वैदिक ज्योतिष, लाल किताब, और वास्तु शास्त्र के उपाय मिलेंगे। इन उपायों को सावधानीपूर्वक करके आप अपने जीवन की सभी समस्याओं को दूर कर सकते हैं। मेरा प्रयास है कि साधना मार्ग के द्वारा आपकी अध्यात्मिक और भौतिक उन्नति हो सके।

### वायुवेगा योगिनी साधना का परिचय

आज के इस एपिसोड में हम आपको एक अद्वितीय साधना के बारे में बताएंगे, जो वायुवेगा योगिनी साधना के नाम से जानी जाती है। यह साधना योगिनियों में से एक गुप्त योगिनी की साधना है, जो वायु से भी तीव्र गति की देवी मानी जाती हैं। इस साधना को करने से साधक में अतुल बल और तीव्रता आती है, जिससे वह जीवन में निरंतर प्रगति करता है।

### साधना की तैयारी और विधि

#### साधना के लिए आवश्यकताएं:

1. **स्थान:** साधना के लिए किसी पर्वत शिखर पर या तेज हवा वाले स्थान का चयन करें। घर की छत पर भी यह साधना की जा सकती है।
2. **वस्त्र:** साधक को लाल वस्त्र पहनकर साधना करनी चाहिए।
3. **समय:** साधना रात 11:00 बजे से सूर्योदय तक करनी है, कुल 41 दिनों तक।

#### साधना की शुरुआत:

1. **गुरु की आज्ञा:** सबसे पहले अपने गुरु से आज्ञा प्राप्त करें और उन्हें उचित दक्षिणा भेट करें।
2. **मंत्र उच्चारण:** गुरु मंत्र का जाप करें और लाल मूंगे की माला का प्रयोग करें।
3. **पूजन:** गणपति महाराज और भगवान शिव का पूजन करें। कुमकुम, हल्दी और कुमकुम से रंगे चावल अर्पित करें। लाल पुष्प और गुड़ का भोग देवी को अर्पित करें। अनार का रस शुद्ध पात्र में अर्पित करें और तिल के तेल का दीपक प्रज्वलित करें।

### साधना के मंत्र और जाप

साधना के दौरान निम्न मंत्र का जाप करना अनिवार्य है:

मूल मंत्र:
```
ॐ ह्रीं ह्रीं वायुवेगा शीघ्र आगच्छ सिद्धि प्रदाए स्वाहा
```

इसके साथ ही, निम्न मंत्रों का भी जाप करें:

```
ॐ रुद्राय सिद्धेश्वराय नमः
ॐ हरिंग सिद्धेश्वरी नमः
ॐ ऐ ज्ञानेश्वरी नमः
ॐ क्रीम, योनि, रूपाय नमः
ॐ ह्री क्लींग भैरव रूपिणी नमः
ॐ सिद्ध योगिनी शक्ति स्वरूपाय नमः
```

### साधना के अनुभव और सावधानियां

साधना के दौरान देवी योगिनी विभिन्न प्रकार से आपकी तपस्या भंग करने की कोशिश करेंगी:

1. **भय:** साधना के दौरान भयंकर तूफान और तेज हवाएं हो सकती हैं। भयंकर ध्वनि और हवा के बहाव से भय उत्पन्न हो सकता है।
2. **ब्रह्मचर्य:** साधक को ब्रह्मचर्य का पालन करना होगा।
3. **ध्यान भटकाना:** देवी आपकी साधना भंग करने के लिए विभिन्न प्रकार से प्रयास करेंगी। साधक को दृढ़ निश्चय और ध्यानपूर्वक साधना जारी रखनी होगी।

#### साधना का समापन

साधना के पूर्ण होने पर, वायुवेगा योगिनी आपके सामने प्रकट होंगी और आपको वरदान मांगने को कहेंगी। तब आप उनसे कहें कि वह सदा के लिए आपके साथ माता, बहन या प्रेमिका रूप में विद्यमान रहें और आपके समस्त कार्यों को सिद्ध करें। इस प्रकार से, साधना के तीन चरण पूरे होंगे:

1. **प्रथम चरण:** साधक अपने और दूसरे के समस्त कार्यों को पलभर में कर सकता है।
2. **द्वितीय चरण:** देवी के प्रत्यक्ष दर्शन और मनोकामना पूर्ति।
3. **तृतीय चरण:** देवी की ऊर्जा साधक के शरीर में समा जाती है, जिससे वह वायुवेगा जैसी शक्ति प्राप्त कर लेता है।

### निष्कर्ष और आभार

वायुवेगा योगिनी साधना एक अत्यंत ही गोपनीय और शक्तिशाली साधना है। इससे विभिन्न प्रकार की सिद्धियां प्राप्त की जा सकती हैं। अगर आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो, तो कृपया हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें, बेल के बटन को दबाएं, और हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें। आपके सुझाव और जानकारी हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं। हमारे संपर्क बॉक्स में संदेश छोड़ें और हम जल्द से जल्द उस पर प्रतिक्रिया करेंगे।

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धन्यवाद!


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