Thursday, 9 February 2023

इब्लीस जिन्नात साधना हर कार्य होगा संभव


नमस्कार, मैं पंडित नरेश नाथ आपका स्वागत करता हूँ हमारे चैनल के इस एपिसोड में। यहाँ आपको दिव्य, अचूक तांत्रिक टोटके, वैदिक ज्योतिष, लाल किताब, और वास्तु शास्त्र के ऐसे उपाय मिलेंगे, जिनसे आप अपने जीवन की समस्याओं को दूर कर सकते हैं। हमारे उपायों को सावधानीपूर्वक करें, और याद रखें कि ये सब जानकारी आपके लिए मुफ्त है। आज हम जिन्न, शैतान, और इब्लीस साधना के बारे में बताएंगे। 

लेकिन पहले, कुछ महत्वपूर्ण बातें:
- झूठ का बोलबाला है और बहुत कम लोग हमारी बेशकीमती जानकारी की कदर करते हैं।
- लाइक, शेयर, और सब्सक्राइब करने से हमें प्रोत्साहन मिलता है, लेकिन बहुत कम लोग ऐसा करते हैं।
- परोपकार को समझने वाले बहुत कम होते हैं, बाकी स्वार्थी होते हैं।

यह साधना उग्र है, और इसे अनुभवी की देखरेख में ही करना चाहिए। यह शैतानी जिन्नों के बादशाह इब्लीस की साधना है। इसलिए, छोटी सी चूक भी भारी पड़ सकती है। सुरक्षा का ध्यान रखें। 

### साधना की विधि:
1. **सामग्री:**
   - इस साधना के लिए किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के प्रथम रविवार को शुरू करें।
   - सुबह और शाम, 2 बार इस साधना को करना है।

2. **प्रक्रिया:**
   - सुबह सूर्य निकलने से पहले किसी विराने में जाकर पेशाब करें। उस जगह एक छोटा सा खड्डा बना होगा।
   - उस खड्डे में बाएँ हाथ की उंगलियाँ घुमाते हुए मंत्र 101 बार पढ़ें।
   - शाम को फिर वही जाएं और सूर्यास्त के समय खड्डे में उंगलियाँ घुमाते हुए मंत्र पढ़ें।
   - यह प्रक्रिया 3 दिनों तक सुबह और शाम करें। 

3. **मंत्र:**
   ```
   ।। बिस्मिल्लाह रहेमाने रहिम या खुदा मो हर्फिल ब् हे हज़र शू बा हक इ बा ।।
   ```

### वचन:
- साधना के बाद, जिन्न को 3 वचन दें:
   1. जब बुलाऊंगा, तब आना होगा और जो कार्य कहूंगा, वह करना होगा।
   2. यदि हमेशा के लिए वापिस भेज दूँ, तो जाना होगा। 
   3. मेरे घर से 10 किलोमीटर दूर रहना होगा और घरवालों से कोई वास्ता नहीं रखना होगा।

### अन्य मंत्र:
- शाबर मंत्र विद्या में भी जिन्न प्रकट करने का अद्भुत तरीका दिया गया है। जैसा हुकुम देंगे, वैसा ही होगा।
- मंत्र: 
   ```
   ।। काली काली महाकाली। इन्द्र की बेटी ब्रह्मा की साली। बालक की रखवाली। काले की जै काली। भैरों कपाली। जटा रातों खेले। चंद हाथ कैडी मठा। मसानिया वीर। चौहटे लड़ाक। समानिया वीर। बज्रकाया। जिह करन नरसिंह धाया। नरसिंह फोड़ कपाल चलाया। खोल लोहे का कुंडा। मेरा तेरा बाण फटक। भूगोल बैढन। काल भैरो बाबा नाहर सिंह। अपनी चौकी बठान। शब्द साँचा। पिंड कांचा। फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा ।।
   ```

### प्रयोग की विधि:
- 21 शनिवार और रविवार को रात 10 बजे के बाद 21 माला जपें। 
- जिन्नात प्रकट होगा, तब उसे वचनों में बांध लें। 

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जय महाकाली, हर हर महादेव!


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