## पंचमुखी हनुमान मंत्र का चमत्कार साक्षात देखें 10 दिन में
पंचमुखी हनुमान मंत्र का महत्व और इसकी सिद्धि के लिए विशेष विधि है जो अत्यंत शुभकारी मानी जाती है। यह मंत्र विशेष रूप से विषहरण के लिए प्रभावी है, और इसका जाप करने से हनुमानजी की कृपा प्राप्त होती है। मंत्र इस प्रकार है:
**मंत्र:**
ॐ पश्चिम मुखाय गरुडाननाय, पञ्च मुख हनुमंते मं मं मं मं मं सकल विषहराय स्वाहा
### मंत्र का परिचय
यह मंत्र पंचमुखी हनुमानजी का है, जिसमें हनुमानजी के पांच मुखों की पूजा की जाती है। हर मुख का अपना विशेष महत्व है और वे विभिन्न दिशाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस मंत्र के माध्यम से साधक हनुमानजी के सभी स्वरूपों की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
### शुद्धता और स्वच्छता का पालन
इस मंत्र का जाप करते समय पूर्ण शुद्धता और स्वच्छता का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है। साधक को शुद्ध शाकाहारी भोजन का पालन करना चाहिए और किसी भी प्रकार की गलती से बचना चाहिए। इस मंत्र की शुरुआत किसी विशेष पर्व काल में करनी चाहिए ताकि इसका प्रभाव अधिक हो।
### पूजन विधि
#### पंचोपचार पूजा
हनुमानजी की पंचोपचार पूजा करनी चाहिए जिसमें निम्नलिखित पांच उपचार शामिल हैं:
1. **गंध (सुगंधित पदार्थ):** हनुमानजी को सुगंधित पदार्थ अर्पित करें।
2. **पुष्प (फूल):** ताजे फूलों से हनुमानजी का पूजन करें।
3. **धूप (अगरबत्ती):** धूप या अगरबत्ती जलाएं।
4. **दीप (दीपक):** घी या तेल का दीपक जलाएं।
5. **नैवेद्य (भोग):** देसी घी वाले चूरमे के लड्डू का भोग लगाएं।
### जाप और हवन
#### मंत्र जाप
हनुमानजी की पूजा के बाद मंत्र जाप की प्रक्रिया शुरू करें। निम्नलिखित विधि का पालन करें:
1. **समय निर्धारण:** एक निश्चित समय निर्धारित करें और उसी समय पर प्रतिदिन जाप करें।
2. **जाप संख्या:** दस दिनों तक प्रतिदिन दस हजार मंत्र जाप करें।
#### दशांश हवन
दसवें दिन, गरीबों और बच्चों को भोजन कराएं। इसके बाद, मंत्र के दशांश (1000 जाप) का हवन करें। हवन करने से मंत्र सिद्ध हो जाएगा और साधक को हनुमानजी की कृपा प्राप्त होगी।
### मंत्र सिद्धि के लाभ
मंत्र सिद्ध होने के बाद, इसका उपयोग विभिन्न विषहरण के लिए किया जा सकता है। यदि किसी व्यक्ति को कुत्ता, सांप, बिच्छू, या किसी जंगली जानवर ने काट लिया हो, तो इस मंत्र की एक माला (108 बार) जाप कर पानी पर फूँकें और उस पानी को रोगी को पिला दें। इससे रोगी शीघ्र स्वस्थ हो जाएगा।
### सेवा का महत्व
इस मंत्र की सिद्धि निस्वार्थ भाव से सेवा करने में है। यदि सेवा का उद्देश्य स्वार्थपूर्ण हो, तो मंत्र की शक्ति क्षीण हो सकती है। अतः सेवा को निस्वार्थ भाव से करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
### निष्कर्ष
पंचमुखी हनुमान मंत्र अत्यंत शक्तिशाली और लाभकारी है। इस मंत्र की सिद्धि के लिए विशेष विधि का पालन करना आवश्यक है। शुद्धता, स्वच्छता, पंचोपचार पूजा, जाप, और दशांश हवन का सम्यक पालन करने से साधक को हनुमानजी की कृपा प्राप्त होती है और वह विभिन्न विषहरण के लिए इस मंत्र का उपयोग कर सकता है। निस्वार्थ भाव से सेवा करने पर साधक को पुण्य की प्राप्ति होती है और हनुमानजी की अनुकम्पा बनी रहती है।
### विस्तृत पूजन विधि
#### प्रारंभिक तैयारी
1. **स्थान का चयन:** पूजा के लिए शुद्ध और शांत स्थान का चयन करें।
2. **स्नान:** साधक को स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करना चाहिए।
3. **मंत्र का उच्चारण:** मंत्र का उच्चारण करते समय ध्यान केंद्रित और स्पष्ट होना चाहिए।
#### पूजा सामग्री
1. **देसी घी वाले चूरमे के लड्डू:** हनुमानजी को अर्पित करने के लिए।
2. **पंचोपचार सामग्री:** गंध, पुष्प, धूप, दीप, और नैवेद्य।
3. **हवन सामग्री:** दशांश हवन के लिए आवश्यक सामग्री।
### पूजन और हवन की विधि
#### पंचोपचार पूजा
1. **गंध:** हनुमानजी को चंदन या किसी सुगंधित पदार्थ का लेप करें।
2. **पुष्प:** ताजे और सुगंधित फूल अर्पित करें।
3. **धूप:** अगरबत्ती या धूप अर्पित करें।
4. **दीप:** घी या तेल का दीपक जलाएं।
5. **नैवेद्य:** देसी घी से बने चूरमे के लड्डू का भोग लगाएं।
#### मंत्र जाप
1. **समय निर्धारण:** प्रतिदिन एक ही समय पर जाप करें।
2. **दस हजार जाप:** दस दिनों तक प्रतिदिन दस हजार जाप करें।
#### दशांश हवन
1. **भोजन दान:** दसवें दिन गरीबों और बच्चों को भोजन कराएं।
2. **हवन:** मंत्र के दशांश (1000 जाप) का हवन करें।
### सिद्धि के बाद का उपयोग
मंत्र सिद्ध होने के बाद, इसका उपयोग विषहरण के लिए करें। यदि किसी को कुत्ता, सांप, बिच्छू, या किसी जंगली जानवर ने काट लिया हो, तो इस मंत्र की एक माला पानी पर फूँक कर रोगी को पिला दें। रोगी शीघ्र स्वस्थ हो जाएगा।
### सेवा का महत्व
इस मंत्र की शक्ति सेवा की भावना में निहित है। निस्वार्थ भाव से सेवा करने से मंत्र की शक्ति बनी रहती है और साधक को हनुमानजी की कृपा प्राप्त होती है। स्वार्थपूर्ण सेवा से मंत्र की शक्ति क्षीण हो सकती है।
### समापन
पंचमुखी हनुमान मंत्र का जाप और पूजन विधि साधक को न केवल हनुमानजी की कृपा दिलाती है बल्कि उसे विषहरण की शक्ति भी प्रदान करती है। निस्वार्थ सेवा और शुद्धता का पालन करके साधक इस मंत्र की पूर्ण सिद्धि प्राप्त कर सकता है। हनुमानजी की कृपा से साधक का जीवन सुखमय और सुरक्षित हो जाता है।

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