ख्वाजा साहब सट्टा साधना: विधि और नियम
यह लेख ख्वाजा साहब की सट्टा साधना के बारे में है, जो कि एक शक्तिशाली अनुष्ठान माना जाता है।
यह माना जाता है कि यह साधना सफल होने पर साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।
ध्यान दें:
- यह लेख केवल जानकारी के लिए है। किसी भी प्रकार की तांत्रिक समस्या के लिए किसी योग्य गुरु या विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।
- यह साधना केवल अनुभवी और योग्य व्यक्तियों द्वारा ही की जानी चाहिए।
- साधना शुरू करने से पहले किसी गुरु से आज्ञा लेना आवश्यक है।
साधना के नियम:
- यह साधना 21 दिन तक करनी होती है।
- साधक को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
- कम बोलना, कम खाना और कम लोगों से मिलना-जुलना चाहिए।
- साधक को सात्विक भोजन करना चाहिए।
सामग्री:
- 5 लड्डू
- 5 अगरबत्ती
- मीठे चावल
- 1 मीठा पान
मंत्र:
"बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम, जल तू जलाल तू, कुदरती कमल तू, हर मुश्किल को कर आसान तू, खिजर पे खिजर नूर पे नूर, ख्वाजा साहब हाजरी करो, कबूल असलाम असलाम।"
विधि:
- किसी नहर या तालाब के किनारे जाएं।
- एक घी का दीपक जलाएं।
- सभी सामग्री को जल में रखें।
- 333 बार मंत्र का जप करें।
यह साधना अत्यंत शक्तिशाली है और इसे सावधानी से करना चाहिए।
यह लेख आपको कैसा लगा? कृपया अपनी प्रतिक्रियाएं और सुझाव कमेंट में अवश्य लिखें।
धन्यवाद!
अतिरिक्त जानकारी:
- यह साधना केवल शुद्ध मन और सच्ची श्रद्धा से ही करनी चाहिए।
- साधक को धैर्य रखना चाहिए और नियमित रूप से अभ्यास करना चाहिए।
- यदि आपको कोई संदेह है, तो किसी योग्य गुरु से सलाह लें।
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धन्यवाद!
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