### रैपा राजपूत सिद्धि विधान: दिवाली के अवसर पर प्रबल साधना
#### परिचय
दिवाली के शुभ अवसर पर प्रस्तुत की जा रही है एक अद्वितीय एवं प्रबल साधना, जिसे रैपा राजपूत सिद्धि विधान कहा जाता है। यह साधना एक ब्रह्मास्त्र के समान है, जिससे आपके कार्यों की सिद्धि एवं मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।
#### मंत्र
```
आठ काठ की लकड़ी, मुंज बनी का बाण,
मुहों मुर्दा बोलेया, तैने गुरु गोरख की आन!
जहाँ पेलुं वहाँ जाना पड़ेगा, जहाँ खाऊं वहाँ खाणा पड़ेगा!
जहाँ पीऊ वहाँ पीना पड़ेगा! जहाँ सोऊ वहाँ सोना पड़ेगा!
जो कहु वो करना पड़ेगा! सुरों सुर वच्चां, मेरे गुरु का शब्द सच्चां
देखु सेवादार रैपा, तेरे शब्द का तमाशा!
```
#### विधि
1. **सामग्री तैयार करें**:
- 108 दीपक
- चूरमा (दो रोटियों को देसी घी और गुड़ में गूँथ कर लड्डू बनाएं)
2. **समय और स्थान**:
- दिवाली की रात को 12 बजे से सुबह सूर्योदय तक साधना करें।
- एक शांत और एकांत पवित्र जगह का चयन करें।
3. **दीपक प्रज्वलन**:
- अपने चारो तरफ 108 दीपक प्रज्वलित कर लें।
- सामने चूरमा रख लें।
4. **मंत्र जाप**:
- मंत्र का जाप 12 बजे रात से सूर्योदय तक करें।
- मंत्र:
```
आठ काठ की लकड़ी, मुंज बनी का बाण,
मुहों मुर्दा बोलेया, तैने गुरु गोरख की आन!
जहाँ पेलुं वहाँ जाना पड़ेगा, जहाँ खाऊं वहाँ खाणा पड़ेगा!
जहाँ पीऊ वहाँ पीना पड़ेगा! जहाँ सोऊ वहाँ सोना पड़ेगा!
जो कहु वो करना पड़ेगा! सुरो सुर वच्चा, मेरे गुरु का शब्द सच्चा
देखु सेवादार रैपा, तेरे शब्द का तमाशा!
```
5. **चूरमा का विसर्जन**:
- अगले दिन चूरमे को किसी टोबे (पोखरा जहां गाँव का गंदा पानी इकट्ठा होता है) में फेंक आएं।
- इस क्रिया से मंत्र सिद्ध हो जाएगा।
#### कार्य विधि
1. **कार्य की सिद्धि**:
- जब भी आपको कोई कार्य हो, एक चूरमा बना लें।
- इस मंत्र का 108 बार जाप करके उस चूरमे को टोबे में फेंक आएं।
- आपका कार्य सिद्ध होगा।
#### महत्वपूर्ण निर्देश
- साधना को गुरु आज्ञा से ही शुरू करें।
-इस साधना से लाभ और हानि के लिए आप जिम्मेदार होंगे।
- साधना को ठीक उसी प्रकार करें, जैसा लिखा गया है।
- गलत तरीके से साधना न करें।
- लाभ अवश्य होगा।
#### शुभकामनाएँ
दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ। इस साधना से आपको अपार सफलता और मनोकामना पूर्ति की आशा है।
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इस लेख को युनिक तरीके से क्रमशः लिखने के लिए प्रत्येक चरण को विस्तार से और स्पष्ट रूप में प्रस्तुत किया गया है ताकि साधक आसानी से इसे समझ सके और पालन कर सके।
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