Friday, 19 July 2024

कंकड़ के घोड़िला मंत्र:


कंकड़ के घोड़िला मंत्र:**

---

**मंत्र:**

*कंकड़ के घोडिला भये, ब्रह्मा भये लगाम,  
चांद सुरज दो पेग भये, चढ़े वीर रहमान,  
आलमगीर पलटते आवे, मन माथे फहराय,  
खड़े मोहम्मद हांक, मारे भूत चुडैल,  
मरहा बान्धु देव दानव ब्रह्म राक्षस बान्धु,  
चौंसठजोगनी बान्धु मरी मलछान बान्धु,  
*मरघट*मसान*बान्धु*डीठ*मूठ*टोना*टम्बर*बान्धु,  
किया धरा बान्धु चारो दिशा बान्धु,  
गल्लीघाट बान्धु बान्ध के नबी रसूल के हवाले कीन,  
तिपर दुहाई नबी रसूल की दुहाई,  
शेख तकी उस्ताद की तिपर चौकी चम्पर पोश तिपर चौकी,  
औघडनाथ तिपर चौकी नौ लखे जिन्द की दुहाई,  
सुलेमान पैगम्बर की दुहाई श्री मोहम्मद की।*

---

**प्रयोग विधि:**

इस मंत्र का प्रयोग भूत-प्रेत से ग्रसित व्यक्ति के उपचार के लिए किया जाता है। विधि निम्नलिखित है:

1. **मंत्र याद करना:** सबसे पहले उपरोक्त मंत्र को याद कर लें।
   
2. **प्रयोग का तरीका:** 

   - भूत-प्रेत से ग्रसित व्यक्ति को सात बार यह मंत्र पढ़कर लौंग दें।
   - सात बार यह मंत्र पढ़कर लौंग फोड़कर खाने को दें।

3. **परिणाम:** इस विधि से वह व्यक्ति ठीक हो जाएगा।


यह मंत्र और उसकी प्रयोग विधि विशिष्ट रूप से प्रस्तुत की गई है, जो उसकी अनूठीता और प्रभावशीलता को बनाए रखती है।




No comments:

Post a Comment