Wednesday, 17 July 2024

शिव गोरख अचूक एवं अत्यधिक शक्तिशाली महामंत्र


 शिव गोरख अचूक एवं अत्यधिक शक्तिशाली महामंत्र

 इस मंत्र की सिद्धि द्वारा हर एक व्यक्ति आपकी बात मानेगा। किंतु ध्यान रहे इस विधि का दुरुपयोग या स्वहित के लिए प्रयोग निषिद्ध है और यदि किसी ने ऐसा किया तो उसे इसका दुष्परिणाम भुगतना ही होगा।

#### वशीकरण सिद्ध करने की विधि

सबसे पहले आप ये जान लें कि वशीकरण का अर्थ होता है दूसरे व्यक्ति को अपने मनोनुकूल बनाना, यानी ऐसा इंसान जिस पर वशीकरण का प्रयोग किया जाता है, उसे आपकी हर बात को मानना ही होता है भले ही ऐसा करने से उसका नुकसान क्यों न हो रहा हो।

आज हम आपको अत्यन्त शक्तिशाली सिद्ध कुंजिका मंत्र के बारे में बताने जा रहे हैं। सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम् मार्कण्डेय पुराण के सप्तशती अध्याय का वह सिद्ध मंत्र है, जिसके द्वारा किसी भी इच्छित वस्तु की प्राप्ति की जा सकती है।

#### सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम् मंत्र
```
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।
ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं सः,
ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल,
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।
```

इस सिद्ध मंत्र को आप सप्तशती का सार मंत्र कह सकते हैं। सप्तशती के अन्य मंत्रों यथा कवच, कीलक, अर्गला आदि मंत्रों की अपेक्षा अकेले इसी मंत्र का नियमित 108 बार जाप करने से आपको महान सिद्धि प्राप्त हो जाती है।

#### मंत्र सिद्धि की विधि

1. **स्थापना मंत्र की जागृति**:
   - मंत्र को वास्तविक रूप में सिद्ध करने के लिए इसके स्थापना मंत्र की जागृति आवश्यक है।

2. **निश्चित आसन पर बैठना**:
   - निर्धारित स्थान और समय पर समाधि की अवस्था में बैठकर अनवरत रूप से मंत्र का एक लाख इक्यावन हज़ार बार जप आवश्यक है।

3. **प्रार्थना और निष्ठा**:
   - मंत्र जाप के दौरान कातर भाव से प्रार्थनारत रहें और अगाध निष्ठा के साथ तेज स्वर में उच्चारण करें। उच्चारण पूर्णरूप से सही होना चाहिए और किसी भी रूप में ध्यान भंग नहीं होना चाहिए।

4. **सिद्धि प्राप्ति के पश्चात प्रयोग**:
   - इस मंत्र की सिद्धि के पश्चात जिस भी व्यक्ति पर इसका प्रयोग करना चाहें, उसका स्मरण करते हुए 108 बार मंत्र जाप करें। वह इंसान आपकी बात मानने के लिए विवश होगा।

#### निष्कर्ष

सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम् एक अत्यन्त शक्तिशाली मंत्र है। इसकी सिद्धि से आपकी बात हर कोई मानेगा, लेकिन ध्यान रहे कि इसका उपयोग स्वहित या दुरुपयोग के लिए न करें। हमेशा अच्छे और सकारात्मक उद्देश्यों के लिए ही इसका प्रयोग करें, ताकि इसके दुष्परिणामों से बचा जा सके


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