**वास्तुदोष: घर में आत्महत्या के छुपे कारण**
ऊँ नमो आदेश आदेश गुरु को। मैं आपका दोस्त पंडित नरेश नाथ, आज आपको यह बताने जा रहा हूँ कि किस प्रकार आपके घर में मौजूद वास्तुदोष आत्महत्या के कारण बन सकते हैं। यह जानना अत्यंत आवश्यक है कि भाग्य के साथ-साथ घर के वास्तुदोष भी आत्महत्या जैसी घटनाओं में भूमिका निभा सकते हैं।
**वास्तुदोष और आत्महत्या**
जिस घर में आत्महत्या होती है, वहां दो या अधिक वास्तुदोष होते हैं। इनमें से एक दोष ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में और दूसरा दोष नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम) में होता है। यदि इन दिशाओं में भूमिगत पानी की टंकी, कुआं, बोरवेल, बेसमेंट हो या इन कोनों का फर्श नीचा हो, तो वास्तु बुरी तरह प्रभावित होता है। इसके साथ, घर के दक्षिण नैऋत्य या पश्चिम नैऋत्य कोण में मुख्य द्वार होने पर आत्महत्या की संभावना बढ़ जाती है।
**दक्षिण-पश्चिम और उत्तर-पूर्व कोण के दोष**
दक्षिण नैऋत्य में मार्ग प्रहार होने पर या पश्चिम नैऋत्य में मार्ग के घर के द्वार से मिलने पर पुरूष आत्महत्या की ओर प्रवृत्त होते हैं। वहीं, ईशान कोण का दोष, जैसे कि इस कोने का दबना, कटना या गोल होना, पुरुष सदस्यों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। अगर उत्तर-पश्चिम दीवार का उत्तरी भाग आगे बढ़ा हो, तो स्त्री सदस्यों के लिए खतरा बढ़ जाता है।
**आग्नेय और वायव्य कोण के प्रभाव**
पूर्व आग्नेय कोण को किसी चीज से ढकने पर पुरुषों में निराशा और आत्महत्या की भावना बढ़ती है। वहीं, वायव्य कोण के ढका होने पर स्त्रियां निराशा में आत्मघाती कदम उठा सकती हैं।
**वास्तुदोष से बचने के उपाय**
घर बनवाते समय वास्तु के इन दोषों पर ध्यान देना आवश्यक है। अगर आप किराए पर घर ले रहे हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि वहां ऐसे वास्तु दोष न हों।
आपकी कोई भी समस्या या सुझाव है, तो मेरे वॉट्सऐप नंबर पर मैसेज करें या सुबह 10-11 के बीच फोन करें:
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जय महाकाली
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