Wednesday, 30 December 2015

भूत-प्रेत बाधा: पहचान और समाधान के रहस्य

**भूत-प्रेत बाधा: पहचान और समाधान के रहस्य**

पंडित नरेश नाथ आज आपको भूत-प्रेत बाधा से जुड़ी जानकारी और समाधान बता रहे हैं। हमारे पास सभी समस्याओं के समाधान के लिए मंत्र-यंत्र-तंत्र का सहारा लिया जाता है। 

### भूत-प्रेत बाधा की पहचान

भूत-प्रेतों की गति और शक्ति अपार होती है। ये विभिन्न जातियों में होते हैं, जैसे भूत, प्रेत, राक्षस, पिशाच, शाकिनी, डाकिनी, और गंधर्व। ज्योतिष के अनुसार, राहु की महादशा में चंद्र की अंतर्दशा हो और चंद्र राहु से 6, 8 या 12 भाव में बलहीन हो, तो व्यक्ति पिशाच दोष से ग्रस्त होता है। वास्तुशास्त्र में यह भी उल्लेख है कि कुछ विशेष नक्षत्रों में शनि के स्थित होने पर शनिवार को गृह-निर्माण आरंभ नहीं करना चाहिए, अन्यथा वह घर भूतों और पिशाचों से ग्रस्त हो सकता है।

### विभिन्न पीड़ाओं के लक्षण

1. **भूत पीड़ा:**
   - पीड़ित व्यक्ति की बातें विक्षिप्त जैसी होती हैं। 
   - उसमें अद्भुत शक्ति आ जाती है, और वह कई लोगों को एक साथ पछाड़ सकता है। 
   - उसकी आंखें लाल और देह में कंपन होता है।

2. **यक्ष पीड़ा:**
   - प्रभावित व्यक्ति लाल वस्त्र पसंद करने लगता है। 
   - उसकी आवाज धीमी और चाल तेज होती है।
   - आंखें तांबे जैसी दिखती हैं।

3. **पिशाच पीड़ा:**
   - नग्नता से नहीं हिचकता और कमजोर हो जाता है।
   - कटु शब्दों का प्रयोग करता है और गंदा रहता है। 
   - भूख अधिक लगती है और एकांत चाहता है।

4. **शाकिनी पीड़ा:**
   - सामान्यतः महिलाएं पीड़ित होती हैं।
   - शरीर में दर्द और आंखों में पीड़ा होती है। 
   - बेहोशी, रोना, चिल्लाना और कांपना जैसे लक्षण होते हैं।

5. **प्रेत पीड़ा:**
   - पीड़ित व्यक्ति चीखता, चिल्लाता, और इधर-उधर भागता है।
   - उसकी वाणी कटु हो जाती है और खाने-पीने से बचता है।

6. **चुडै+ल पीड़ा:**
   - देह पुष्ट हो जाती है और हमेशा मुस्कराता रहता है।
   - मांस खाने की इच्छा होती है।

इन आसुरी शक्तियों को नियंत्रित कर चुके लोग अन्य लोगों पर भी प्रभाव डाल सकते हैं। 

यदि आपको जानकारी सही लगे, तो जरूर शेयर करें ताकि किसी का भला हो सके। यदि आपकी कोई समस्या या सुझाव हो, तो आप हमें ईमेल या वॉट्सऐप पर संदेश कर सकते हैं। सुबह 10-11 के बीच फोन करें।

- **ईमेल:** Shivjyotish9@gmail.com
- **फोन:** 09317666790

जय महाकाली!



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