Monday, 28 March 2016

जैसा खाएँ अन्न वैसा होए मन (बहुत ही महत्वपूर्ण पोस्ट )

**स्वास्थ्य और मन की स्थिति पर भोजन का प्रभाव: एक गहराई से विश्लेषण**


**प्रस्तावना:**


हमारे भोजन का हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है। पुरानी कहावतें "जैसा आहार, वैसा विचार" और "जैसा अन्न, वैसा मन" इस सचाई को दर्शाती हैं। भोजन को मुख्यतः तीन श्रेणियों में विभाजित किया जाता है: सात्विक, राजसिक, और तामसिक। हर प्रकार का भोजन अलग-अलग प्रकार के प्रभाव डालता है, जिसे समझना और अपनाना महत्वपूर्ण है।


**1. राजसिक भोजन:**


राजसिक भोजन मुख्यतः हमारे मन को सक्रिय और चंचल बनाता है। इसमें अत्यधिक मसाले, नमक, मिर्च, और गरम पेय जैसे चाय और कॉफी शामिल होते हैं। यह भोजन व्यक्ति को भौतिक सुखों की ओर प्रवृत्त करता है और मानसिक उथल-पुथल को जन्म देता है। उदाहरण के तौर पर, अंडे, मछली, पेस्ट्री, और तली हुई वस्तुएं इस श्रेणी में आती हैं।


**2. तामसिक भोजन:**


तामसिक भोजन शरीर में आलस्य, क्रोध और नकारात्मक भावनाएं उत्पन्न करता है। इसमें मांस, शराब, तंबाकू और बासी खाना शामिल होता है। यह भोजन आमतौर पर निष्क्रियता और मानसिक अवसाद को बढ़ावा देता है। अत्यधिक मात्रा में भोजन का सेवन भी तामसिक प्रभाव डालता है।


**3. सात्विक भोजन:**


सात्विक भोजन शरीर और मन को शांति और संतुलन प्रदान करता है। इसमें फल, ताजे सब्जियां, दूध, मक्खन, और शहद जैसे शुद्ध और हल्के पदार्थ शामिल होते हैं। सात्विक भोजन का सेवन करने से व्यक्ति का मन शांत रहता है और आत्मिक उन्नति संभव होती है। यह भोजन शरीर को आवश्यक पोषण प्रदान करता है और मानसिक शांति बनाए रखता है।


**भोजन के अन्य पहलू:**


1. **भोजन की गुणवत्ता:** भोजन की गुणवत्ता पर भी ध्यान देना आवश्यक है। अच्छे और शुद्ध खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। किसी भी प्रकार का भोजन तैयार करते समय शुद्धता और स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए।


2. **भावना और सोच:** भोजन को प्रसाद की तरह मानना चाहिए और भोजन करने वाले का स्वभाव भी शुद्ध होना चाहिए। भोजन में समर्पण और भक्ति भावना का होना आवश्यक है।


3. **स्वास्थ्य संबंधी सलाह:** भोजन के बाद पेट को हल्का महसूस होना चाहिए। अत्यधिक तैलीय और भारी भोजन से बचना चाहिए और संतुलित आहार लेना चाहिए। भोजन करने के बाद हल्की वॉक करना और उचित विश्राम भी आवश्यक है।


**निष्कर्ष:**


भोजन का हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। सात्विक भोजन से शरीर और मन को शांति और ऊर्जा प्राप्त होती है, जबकि राजसिक और तामसिक भोजन नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। एक सजग व्यक्ति को अपने भोजन के प्रकार और उसकी गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए, जिससे वह अपने स्वास्थ्य और आत्मिक उन्नति को बेहतर बना सके।


**संपर्क:**


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**जय महाकाली**





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