प्रिय पाठकगण,
मैं, पंडित नरेश नाथ, आज आपके समक्ष ज्योतिष के दूसरे भाव की विशेष जानकारी प्रस्तुत कर रहा हूँ। इस भाव को भारतीय वैदिक ज्योतिष में धन स्थान कहा जाता है और यह व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
**दूसरे भाव की विशेषताएँ:**
1. **धन और बहुमूल्य वस्तुएँ:**
- कुंडली का दूसरा घर व्यक्ति द्वारा संचित किए गए धन, सोना, चांदी, हीरे-जवाहरात और अन्य बहुमूल्य पदार्थों की जानकारी प्रदान करता है। इसके अलावा, यह घर व्यक्ति के बचपन, परिवार, और शिक्षा से संबंधित जानकारी भी देता है।
2. **परिवार और शिक्षा:**
- यह घर बचपन में परिवार से प्राप्त शिक्षा और परवरिश के बारे में जानकारी देता है। मजबूत और शुभ ग्रहों से प्रभावित दूसरे भाव से बाल्यकाल में अच्छी शिक्षा प्राप्त होती है, जबकि बुरे ग्रहों के प्रभाव में नकारात्मक आदतें उत्पन्न हो सकती हैं।
3. **वैवाहिक जीवन:**
- यह घर वैवाहिक जीवन की सफलता या असफलता, पारिवारिक संबंधों और निर्वाह की जानकारी प्रदान करता है। विवाह के बाद के जीवन की स्थिति और अलगाव या तलाक की संभावनाएँ भी इस घर से देखी जाती हैं।
4. **वाणी और स्वास्थ्य:**
- दूसरे भाव से वाणी, बातचीत की कला और चेहरे के अंगों की जानकारी मिलती है। बुरे ग्रहों का प्रभाव चेहरे या वाणी से संबंधित समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।
5. **धन कमाने की क्षमता:**
- यह घर व्यक्ति की धन कमाने की क्षमता और अचल सम्पत्तियों की जानकारी प्रदान करता है। बुरे ग्रहों का प्रभाव व्यक्ति को कर्ज में डाल सकता है, जबकि शुभ ग्रह व्यक्ति को आर्थिक सफलता प्रदान कर सकते हैं।
**राशियों के प्रभाव:**
- **मेष राशि:** धन के मामले में अनिश्चितता, खर्च करने की प्रवृत्ति, और जीवन में भाग्योदय शादी के बाद।
- **वृषभ राशि:** अर्थ संचय होता है, लेकिन स्थायित्व नहीं। जीवन में महत्वपूर्ण वर्ष 18, 22, 24, 33, 35।
- **मिथुन राशि:** आर्थिक स्थिति कमजोर, भावुकता बाधा, व्यापार में सफलता।
- **कर्क राशि:** परिश्रम का उचित लाभ नहीं मिलता, महत्वपूर्ण वर्ष 20, 26, 27, 33, 34, 36, 45, 53, 54।
- **सिंह राशि:** बाल्यकाल सुखद, मध्य आयु में हानि, भाग्य साथ देता है।
- **कन्या राशि:** प्रारंभिक काल में आर्थिक संकट, व्यापार में लाभ, विशेषकर श्रृंगारिक वस्तुओं से।
- **तुला राशि:** धन खर्च में अधिकता, व्यापार में लाभ, भाग्य साथ देता है।
- **वृश्चिक राशि:** जीवन में उतार-चढ़ाव, नौकरी में असफलता, व्यापारिक प्रवृत्ति।
- **धनु राशि:** लापरवाही, साझेदारी से हानि, जीवन में कई उतार-चढ़ाव।
- **मकर राशि:** सौभाग्यशाली, स्वतन्त्र व्यापार में सफलता।
- **कुंभ राशि:** सम्पन्नता, आय के कई स्त्रोत, पत्रकारिता, लेखन, और राजनीति में लाभ।
- **मीन राशि:** महत्वपूर्ण वर्ष 22, 24, 28, 32, 33, 34, 37, 42, 48, 52, 54, 55। डॉक्टरी या वैद्यक में सफलता।
**दूसरे भाव के ग्रह:**
- **सूर्य:** पितृधन की कमी, मध्यकाल में सफलता।
- **चंद्र:** सुखी परिवार, स्त्रीपक्ष से लाभ, लेखन और पत्रकारिता में सफलता।
- **मंगल:** कमजोर आर्थिक स्थिति, व्यापारिक क्षमताएँ।
- **बुध:** धर्मप्रिय, भाषण कला में दक्ष।
- **गुरू:** धार्मिक नेता, लेखक, और वैज्ञानिक।
- **शुक्र:** बड़ा परिवार, काम में चतुरता, डॉक्टर या पत्रकार।
- **शनि:** धनहीनता, संघर्ष, लेकिन स्वग्रही शनि से बाद में सफलता।
- **राहु:** रोगी स्वभाव, छोटे परिवार।
- **केतु:** कटुभाषी, दृढ़ निश्चयी, लेकिन उत्तरार्द्ध में सफलता।
**सुझाव और संपर्क:**
यदि आपकी जन्म पत्रिका, ज्योतिष, तंत्र, यंत्र या किसी अन्य समस्या के समाधान के लिए हमें संपर्क करना चाहते हैं, तो आप हमें मैसेज या फोन के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं। हमें किसी भी बीमारी से दुखी लोगों की सहायता करने में खुशी होगी, और इसके लिए कोई फीस नहीं ली जाएगी।
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जय महाकाली!
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