Tuesday, 10 May 2016

ज्योतिष मे 3 तृतीय भाव : का महत्व

ॐ नमो आदेश गुरु जी को मै आपका दोस्त पंडित नरेश नाथ आज आपको ज्योतिष के तृतीय भाव की जानकारी दे रहा हूँ

 
**ॐ नमो आदेश गुरु जी को**

प्रिय पाठकगण,

मैं, पंडित नरेश नाथ, आज आपको ज्योतिष के तृतीय भाव के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान कर रहा हूँ। इस भाव को वैदिक ज्योतिष में बंधु भाव भी कहा जाता है। यह कुंडली का तीसरा घर आपके भाई-बंधुओं, दोस्तों, सहकर्मियों, और पड़ोसियों के साथ संबंधों को दर्शाता है। इस भाव का अध्ययन करके आप जीवन में भाईयों और दोस्तों से होने वाले लाभ और हानि की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

**तीसरा भाव:**

1. **संबंध और सहयोग:**
   - जिनकी कुंडली में तीसरा घर बलवान और अच्छे ग्रहों से प्रभावित होता है, वे अपने भाईयों, दोस्तों और सहकर्मियों के सहयोग से सफलता प्राप्त करते हैं। इसके विपरीत, बुरे ग्रहों के प्रभाव में रहने वाले व्यक्ति अक्सर अपने रिश्तों में समस्याओं का सामना कर सकते हैं और उन्हें विश्वासघात का सामना भी करना पड़ सकता है।

2. **शारीरिक अंग:**
   - यह भाव कंधों और बाजुओं को दर्शाता है, विशेष रूप से दायें कंधे और दायें बाजू। मस्तिष्क और सांस लेने की प्रणाली भी इस भाव से संबंधित है। बुरे ग्रहों का प्रभाव मस्तिष्क या श्वसन संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है, साथ ही कंधे या बाजू में चोट लगने का खतरा भी बढ़ सकता है।

3. **पराक्रम और मेहनत:**
   - तीसरे भाव को पराक्रम भाव भी कहा जाता है। यह भाव व्यक्ति की शारीरिक मेहनत की क्षमता, खेलों में रुचि और प्रगति को दर्शाता है। इसमें बातचीत की कुशलता, लिखने की कला, और लोगों के साथ व्यवहार करने की क्षमता भी देखी जाती है। अच्छे ग्रहों का प्रभाव व्यक्ति को जन व्यवहार और बातचीत में कुशल बनाता है।

4. **जीवन की अनिवार्यता:**
   - बिना श्रम के जीवन में किसी भी चीज़ को बनाए रखना मुश्किल होता है। तीसरा भाव इस बात को प्रमाणित करता है कि व्यक्ति को प्राप्त शक्तियों और संसाधनों को बनाए रखने के लिए पराक्रम और मेहनत आवश्यक होती है।

5. **अन्य पहलू:**
   - इस भाव से जुड़े पहलू में छोटे यात्रा, भाई-बहनों से सुख या दुख, पड़ोसी, मानसिक झुकाव, योग्यता, स्मरण शक्ति, वीरता, और पत्राचार शामिल हैं। यह भाव खान-पान, विज्ञान, और सम्पत्ति के बंटवारे जैसे विषयों पर भी प्रकाश डालता है।

यदि आपकी जन्म पत्रिका, ज्योतिष वस्तु, तंत्र, या मंत्र से संबंधित कोई समस्या या सुझाव हो, तो आप सुबह 10-11 बजे के बीच संपर्क कर सकते हैं।

**संपर्क विवरण:**
- ई-मेल: shivjyotish9@gmail.com
- फोन: 09317666790

जय महाकाली!

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