Wednesday, 11 May 2016

ज्योतिष के चौथे भाव की विशेष जानकारी

### चौथे भाव का महत्व और प्रभाव


भारतीय वैदिक ज्योतिष में चौथा भाव मातृ भाव या सुख स्थान के रूप में जाना जाता है। यह भाव व्यक्ति के जीवन में माता के योगदान, सुख-सुविधाओं, और घर के वातावरण से संबंधित कई महत्वपूर्ण पहलुओं को दर्शाता है। 


#### चौथे भाव के प्रमुख प्रभाव:


1. **माता और परिवार:**

   - चौथा भाव माता के जीवन, उनके स्वास्थ्य, और उनके योगदान को दर्शाता है। 

   - इस भाव से माता के साथ संबंध, उनके प्रभाव, और उनके जीवन की स्थिति की जानकारी प्राप्त की जाती है।

   - यदि चौथा भाव बलवान है और अच्छे ग्रहों के प्रभाव में है, तो माता का योगदान सकारात्मक और सहायक होता है। इसके विपरीत, बुरे ग्रहों के प्रभाव में होने पर मातृ दोष उत्पन्न हो सकता है, जो माता के साथ संबंधों में तनाव या कठिनाइयाँ पैदा कर सकता है।


2. **सुख-सुविधाएँ और घर:**

   - चौथा भाव व्यक्ति के घर के सुख, खुशियों, और सुविधाओं को दर्शाता है।

   - यह भाव वाहन सुख, नौकर-चाकरों का सुख, और अपने मकान की स्थिति का भी ब्योरा प्रदान करता है।

   - बलवान चौथा भाव व्यक्ति को अच्छे वाहन, नए मकान, और अन्य सुख-सुविधाओं का आनंद दिलाता है। बुरे ग्रहों के प्रभाव में होने पर इन सुख-सुविधाओं का अभाव हो सकता है।


3. **शरीर और मानसिक स्वास्थ्य:**

   - यह भाव शरीर के अंगों में छाती, फेफड़े, और हृदय से संबंधित समस्याओं को दर्शाता है।

   - बुरे ग्रहों के प्रभाव से छाती, फेफड़ों, और हृदय की बीमारियाँ हो सकती हैं। इसके अलावा, मानसिक शांति पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है, जिससे मानसिक रोग या तनाव हो सकता है।


4. **जमीन-जायदाद और घर का वातावरण:**

   - चौथा भाव जमीन-जायदाद, संपत्ति, और घर के वातावरण से जुड़ा हुआ है।

   - यदि इस भाव पर अच्छे ग्रहों का प्रभाव है, तो व्यक्ति को संपत्ति से लाभ और सुखद घर का अनुभव होता है।

   - बुरे ग्रहों के प्रभाव में घर का वातावरण घुटन भरा या असुविधाजनक हो सकता है। कुछ लोग घर से बाहर रहकर ही मानसिक शांति का अनुभव करते हैं।


5. **रिश्तेदारों के साथ संबंध:**

   - यह भाव रिश्तेदारों के साथ संबंधों की स्थिति को भी दर्शाता है।

   - बुरे ग्रहों के प्रभाव में रिश्तेदारों के साथ तनाव या झगड़े हो सकते हैं।


#### उदाहरण:


मान लीजिए, किसी जातक की कुंडली में चौथे भाव पर बुरे ग्रहों का प्रभाव है। इस स्थिति में जातक को माता के स्वास्थ्य में समस्याएँ आ सकती हैं, घर के वातावरण में असंतोष हो सकता है, और मानसिक शांति की कमी हो सकती है। इसके अतिरिक्त, जमीन-जायदाद या संपत्ति के मामले में भी कठिनाइयाँ आ सकती हैं। 


#### संपर्क जानकारी:

   - **शिव वैदिक ज्योतिष विज्ञान:**

     - वेबसाइट: [Shiv Vedic Jyotish](http://shivvadicjyotishtantric.blogspot.in)

     - ईमेल: shivjyotish9@gmail.com

     - फोन/WhatsApp: +919317666790

     - लोकेशन: [Google Maps](https://goo.gl/maps/sT3oSTMkeBU2)


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