Thursday, 18 July 2024

उक्त मन्त्र का सवा लाख जप ४० या ४१ दिनों में करे। पहले उक्त 
## भगवती काली की कृपा प्राप्ति का मंत्र: एक विस्तृत साधना प्रक्रिया

भगवती काली की कृपा प्राप्त करने के लिए एक विशेष मंत्र और साधना प्रक्रिया का पालन किया जाता है। इस साधना के माध्यम से साधक इच्छित वरदान प्राप्त कर सकता है। यहाँ पर एक विशेष मंत्र और उसकी विधि का विस्तृत वर्णन किया जा रहा है, जिसे श्रद्धा और विश्वास के साथ अपनाकर आप भगवती काली की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

### मंत्र:
```
ॐ सत् नाम गुरु का आदेश।
काली-काली महा-काली, युग आद्य-काली, छाया काली, छूं मांस काली।
चलाए चले, बुलाई आए, इति विनिआस।
गुरु गोरखनाथ के मन भावे।
काली सुमरुँ, काली जपूँ, काली डिगराऊ को मैं खाऊँ।
जो माता महाकाली कृपा करे, तो मेरे सब कष्टों को नष्ट करें ।
```

### विधि:

1. **मंत्र सिद्धि की तैयारी**:
   - इस मंत्र का सवा लाख जप 40 या 41 दिनों में करें।
   - पहले इस मंत्र को कंठस्थ कर लें।
   - शुभ समय पर जप शुरू करें, जब गुरु और शुक्र अस्त न हों।

2. **साधना के दौरान नियम**:
   - दैनिक ‘संध्या-वंदन’ के अतिरिक्त अन्य किसी मंत्र का जप 40 दिनों तक न करें।
   - भोजन में दो रोटियाँ 10 या 11 बजे दिन के समय लें।
   - 3 बजे के पश्चात खाना-पीना बंद कर दें।
   - रात्रि 9 बजे पूजा आरंभ करें।
   - पूजा का कमरा अलग हो और पूजा के सामान के अतिरिक्त कोई सामान वहाँ न हो।
   - प्रथम दिन, कमरा कच्चा हो, तो गोबर का लेपन करें। पक्का हो, तो पानी से धो लें।
   - आसन पर बैठने से पूर्व स्नान करें, लेकिन सिर में कंघी न करें।

3. **पूजा की विधि**:
   - माँ की सुंदर मूर्ति रखें और धूप-दीप जलाएँ।
   - जहाँ पर बैठे, चाकू या जल से सुरक्षा-मंत्र पढ़कर रेखा बनाएँ। पूजा का सब सामान ‘सुरक्षा-रेखा’ के अंदर होना चाहिए।
   - सर्वप्रथम गुरु-गणेश-वंदना कर 1 माला (108) मंत्रों से हवन करें। हवन के पश्चात जप शुरू करें।
   - जप समाप्ति पर रेखा-बन्धन खोल दें।
   - रात में थोड़ा दूध-चाय ले सकते हो।

4. **सप्ताहिक हांड़ी विधि**:
   - प्रथम दिन जप से पूर्व और जप के हर सात दिन बाद एक हांड़ी लेकर सामग्री तैयार करें:
     - लाल कपड़ा  व आसन, देशीघी, पीतल का दिपक, जौ, काले तील, शक्कर, चावल, सात छोटी छोटी  हांड़ी-चूड़ी, सिन्दूर, मेंहदी, पान, लौंग, सात प्रकार की मिठाइयाँ, बिन्दी, चार मुँह का दिपक।
   - सभी सामग्री हांड़ी में डालें, ऊपर ढक्कन रखकर, उसके ऊपर चार मुख दिया जलाएँ।
   - सांय समय हांड़ी को नदी, नहर या चलता पानी में प्रवाहित करें। लौटते समय पीछे मुड़कर न देखें।

5. **जप के बाद की प्रक्रिया**:
   - जप के एक दिन बाद दूसरी हांड़ी छोड़ें। 
   - भूत-प्रेत साधक को हर समय घेरे रहेंगे, लेकिन साधक को घबराना नहीं चाहिए।
   - मकान में आग लगती भी दिखाई देगी, लेकिन आसन से नहीं उठें।
   - 40 से 42वें दिन माँ वर देगी। भविष्य-दर्शन व होनहार घटनाएँ तो सात दिन जप के बाद ही ज्ञात होने लगेंगी।
   - एक साथी या गुरु कमरे के बाहर नित्य रहना चाहिए।
   - साधक निर्भीक होना चाहिए।

6. **अंतिम चरण**:
   - 31 दिनों तक धूप-दीप-जप करने के पश्चात, 7 दिनों तक एक बूँद रक्त जप के अंत में पृथ्वी पर टपकाएँ।
   - 39वें दिन जिह्वा का रक्त दें।
   - मंत्र सिद्ध होने पर इच्छित वरदान प्राप्त करें।

### निष्कर्ष:
यह साधना विधि अत्यंत प्रभावी और शक्तिशाली है। इसे पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ अपनाएं और भगवती काली की कृपा प्राप्त करें। इस साधना को करने से पहले अपने गुरु या वरिष्ठ साधकों से परामर्श अवश्य करें। जय माँ काली!

### नोट:
सभी धार्मिक और आध्यात्मिक उपायों को करने से पहले अपने गुरु या वरिष्ठ सदस्यों से परामर्श अवश्य करें





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