Wednesday, 17 July 2024

ॐ नमो काल भैरव घंघरा वाला": विधि और प्रयोग

मंत्र "ॐ नमो काल भैरव घंघरा वाला": विधि और प्रयोग

यह मंत्र भगवान काल भैरव की स्तुति करता है और उन्हें शक्ति, सम्मोहन और वशीकरण का देवता मानता है।

इस मंत्र का प्रयोग सभा में उपस्थित लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने और उन्हें वश में करने के लिए किया जाता है।

ध्यान दें:

  • यह मंत्र केवल जानकारी के लिए है। किसी भी प्रकार की तांत्रिक समस्या के लिए किसी योग्य गुरु या विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।
  • मंत्र जप करते समय सावधानी बरतें और किसी भी प्रकार की लापरवाही न करें।
  • इस मंत्र का प्रयोग गलत इरादे से नहीं करना चाहिए।

विधि:

  1. रविवार के दिन श्मशान से एक चुटकी राख लें।
  2. भैरव जी की पूजा करें।
  3. यदि ईष्ट देव भैरव सोने पर सुहागा पसंद करते हैं तो सोने पर सुहागा भी रखें।
  4. 21 बार मंत्र का जप करते हुए राख को फूंक मारें।
  5. अब कहीं भी सभा में जाएं और मंत्र का जप करते हुए राख को वातावरण में उड़ा दें।

इस प्रयोग से सभा में मौजूद सभी लोगों का ध्यान आपकी ओर आकर्षित होगा और वे केवल वही देख पाएंगे जो आप दिखाना चाहते हैं।

यह मंत्र अत्यंत शक्तिशाली है और इसका प्रयोग सावधानी से करना चाहिए।

यह लेख आपको कैसा लगा? कृपया अपनी प्रतिक्रियाएं और सुझाव कमेंट में अवश्य लिखें।

धन्यवाद!



मंत्र ॥ॐ नमो काल भैरव घंघरा वाला।हाथ खडग फूलों कि माला।चौंसठ सो योगिनी संग में चोला।देखो खोली नजर का ताला।राजा प्रजा ध्याव तोहिं।सबकी दृस्टि बाँधी दे मोहिं।में पूजो तुमको नित ध्याय।भरी अथाई सुमिरौं तोहि।तेरा किया सबकुछ होय।देखूँ भैरों तेरे मंत्र कि शक्ति।चलै मंत्र ईश्वरोवाचा।विधि: रविवार के दिन शमशान से एक चुटकी राख ले आयें। फिर भैरों जी कि पूजा करें। अगर ईस्ट देव भैरों हो तो सोने पर सुहागा। अब २१ बार मंत्र को जपते हुए राख को फूंक मारो। अब कहीं पर भी सभा में जाकर मंत्र को जपते हुए राख को वातावरण में उड़ा दें। सभा में मौजूद सभी कि दृस्टि बांध जायेगी और सब बस वोही देख पाएंगे जो तुम दिखाना चाहते ह

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