पितृ दोष निवारण मंत्र प्रयोग:
यह मंत्र पितृ दोष से मुक्ति दिलाने और पितरों को प्रसन्न करने में सहायक माना जाता है।
यह मंत्र पितृपक्ष में पूर्णिमा के दिन किया जाता है।
सामग्री:
- चूने के पाँच-सात कंकड़ (या चांदी के सर्प)
- लकड़ी की चैकी
- सफेद रेशमी वस्त्र
- दूध
- दही
- शुद्ध जल
- गंगाजल
- दीप
- धूप
- चावल की खीर
- सफेद वस्त्र
- सफेद पुष्प
- सफेद आसन
विधि:
- चूने के पाँच-सात कंकड़ (या चांदी के सर्प) लें।
- उन्हें लकड़ी की चैकी पर सफेद रेशमी वस्त्र बिछाकर स्थापित करें।
- उन्हें दूध और दही से स्नान कराएं।
- फिर, उन्हें शुद्ध जल और गंगाजल से स्नान कराएं।
- दीप और धूप जलाकर पितरों की पूजा करें।
- उन्हें चावल की खीर अर्पित करें।
- पूजा के दौरान सफेद वस्त्र पहनें, सफेद पुष्प चढ़ाएं और सफेद आसन पर बैठें।
- पितरों का तर्पण करते हुए इस मंत्र का 108 बार जप करें:
ॐ नमो नारायणाय नमो नमो ह ॥
यह मंत्र पितरों को प्रसन्न करेगा और पितृ दोष से मुक्ति दिलाएगा।
ध्यान दें:
- यह मंत्र केवल जानकारी के लिए है। किसी भी प्रकार की तांत्रिक समस्या के लिए किसी योग्य गुरु या विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।
- मंत्र जप करते समय सावधानी बरतें और किसी भी प्रकार की लापरवाही न करें।
- पितरों का तर्पण करते समय श्रद्धा और विश्वास रखें।
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धन्यवाद!
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