नमस्कार, मैं हूं पंडित नरेश नाथ। आज के इस एपिसोड में आप सभी का स्वागत है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक रोचक और चमत्कारिक जानकारी के बारे में।
### लूना चमारी की साधना
लूना चमारी के बारे में कई कथाएँ हैं और इन्हें कामरूप कामाख्या में पूजा जाता है। कहा जाता है कि लूना चमारी इस्माइल योगी की शिष्या थीं और इसलिए इन्हें लूना योगन भी कहा जाता है। साधक सबसे ज्यादा पूजा इन्हीं की करते हैं। लूना चमारी के तीन प्रकार की सिद्धियाँ होती हैं, जिनमें से केवल अमृतसर वाली लूना चमारी को सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं होती। मात्र गुरुदेव के वचनों से ही उनकी सिद्धि प्राप्त हो जाती है।
### लूना की साधना विधि
मैं यहाँ पर आपको कामरूप में पूजी जाने वाली लूना की साधना दे रहा हूँ। इस साधना को करने से आप कोई भी कार्य कर सकते हैं। साधना की विधि निम्नलिखित है:
#### मंत्र:
```
घटा में सरस्वती पूंजा गुर उस्ताद पीर को रव्बे मान पे यकीन कामरू देश की चौमखिया देवी, उसने बिजी फुलवाड़ी, चुग ले गयी लूना चमारी, हमारी बुलाई ना आए तां हनुमान दे पोले खावे, आवा तां तद ये छड्डे घरवाला सिर
विधि ||
```
1. इस मंत्र को रात को 10 बजे से सवा दो घंटे तक जपें।
2. अपने सामने तेल का एक दीपक जलाएं। वस्त्र कोई भी पहन सकते हैं।
3. आसन कोई भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
4. किसी भी दिन से इस साधना को शुरू कर सकते हैं।
5. जब शुरू करें, उस दिन और अंतिम दिन दो लड्डू, एक मीठा पान, दो लौंग, दो इलाइची छोटी और सात प्रकार की मिठाई अपने सामने रखें।
6. दूसरे दिन, एक वीराने स्थान में सारी पूजा सामग्री रख आएं।
7. यह क्रिया आपको पूरे एक महीने तक करनी है।
### साधना की पूजन विधि:
1. आसन पर बैठने के बाद शरीर कीलन मंत्र जपें।
2. फिर गुरु पूजन और गणेश पूजन करें।
3. इसके बाद मंत्र जाप शुरू करें।
#### मंत्र प्रयोग विधि:
जब इस मंत्र का उपयोग करना हो, तो इसे सात बार जपें और अपनी इच्छा लूना चमारी से बोल दें। आपकी इच्छा पूरी हो जाएगी। कार्य सिद्ध होने के बाद उनकी पूजा वीराने स्थान में अवश्य करें।
यह मेरा अनुभूत मंत्र है। एक बार अवश्य करें!
### चैनल जानकारी
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