Thursday, 23 March 2023

वाराहा प्रयोग खतरनाक वाला वशीकरण हर काम में सफलता ही सफलता प्राप्त करें

## वाराही मंत्र की अद्भुत शक्तियाँ और विधियाँ

नमस्कार, मैं हूं पंडित नरेश नाथ, और आज के इस एपिसोड में आप सभी का स्वागत है। हमारे चैनल और ब्लॉग पर आपको मिलेंगे दिव्य, अचूक तांत्रिक टोटके, वैदिक ज्योतिष, लाल किताब, और वास्तु शास्त्र के उपाय, जिनसे आप अपने जीवन की समस्याओं को पल भर में दूर कर सकते हैं। हमारा प्रयास रहता है कि आपको समर्थ बना सकूं, साधना मार्ग द्वारा आपकी आध्यात्मिक और भौतिक उन्नति हो सके।

आज के इस एपिसोड में, मैं आपको वाराही मंत्र के अद्भुत और चमत्कारी उपायों के बारे में बताऊंगा। यह मंत्र सभी संकटों और खतरों से रक्षा करता है और स्त्री-पुरुषों पर वशीकरण करने की शक्ति देता है। लेकिन हमें निराशा होती है जब आप हमें सहयोग नहीं करते, वीडियो को शेयर नहीं करते, लाइक नहीं करते, और चैनल को सब्सक्राइब नहीं करते हैं। यह सब कुछ बिल्कुल मुफ्त है, इसमें आपको कोई मूल्य या पैसे नहीं देने होते।

### वाराही मंत्र का परिचय

वाराही मंत्र के प्रभाव से साधक शक्तिशाली काला जादू-टोना, तांत्रिक प्रयोग, बुरी नजर, शाप, हाय-बददुआ, भूत-प्रेत आदि किसी भी प्रकार की नकारात्मक शक्ति से सुरक्षित रहता है। ताबीज धारण करने के बाद साधक की सम्मोहित करने की शक्ति बढ़ जाती है और सभी उसके भयंकर वशीकरण के प्रभाव में आ जाते हैं। 

#### मंत्र

```
ॐ ऐं ग्लौं ऐं नमो भगवति वार्तालि वाराहि वाराहमुखि ऐ ग्लौं ऐं अन्धे अन्धिनि नमो रुन्धे रुन्धिनी नमो जम्भे जम्भिनि नमो मोहे मोहिनि नमः स्तम्भे स्तम्भिनि नमः ऐं ग्लौं ऐं सर्वदुष्टप्रदुष्टानां सर्वेषां सर्ववाक्यपदचित्तचक्षुर्मुखगतिजिह्वास्तम्भं कुरु कुरु शीघ्रं वशं कुरु कुरु ऐं ग्लौं ऐं ठः ठः ठः हुं फट् स्वाहाः।
```

#### मंत्र का विनियोग

अस्य श्रीवार्तालीमन्त्रस्थ शिव ऋषिः जगतीच्छन्दः वार्ताली देवता (मतान्तरे) ग्लौं बीजं स्वाहा शक्तिः ममाखिलावांप्तये जपे विनियोगः।

#### ऋष्यादिन्यास

- ॐ शिवऋषये नमः शिरसि।
- जगतीच्छन्दसे नमो मुखे।
- वार्तालीदेवतायै नमो हृदि।
- ग्लौं बीजाय नमो लिगे।
- स्वाहा शक्तये नमः पादयो॥

#### करन्यास

- ॐ वार्तालि अंगुष्ठाभ्यां नमः।
- ॐ वाराहि तर्जनीभ्यां नमः।
- ॐ वाराहमुखि मध्यमाभ्यां नमः।
- ॐ अन्ये अन्धिनि अनामिकाभ्यां नमः।
- ॐ रुन्धे रुन्धिनी कनिष्ठिकाभ्यां नमः।
- ॐ जम्भे जम्भिनि करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः।

#### हृदयादिषडंगन्यास

- ॐ वार्तालि हृदयाय नमः।
- ॐ वाराहि शिरसे स्वाहा।
- ॐ वाराहमुखि शिखायै वषट्।
- ॐ अन्धे अंधिनि कवचाय हुं।
- ॐ रुन्धे रुन्धिनि नेत्रत्रयाय वौषट्।
- ॐ जम्भे जम्भिनि अस्त्राय फट्।

### वाराही साधना की विधि

#### प्रारंभिक तैयारी

1. **साधना का समय**:
    - यह साधना शनि या मंगल की अमावस्या के दिन से शुरू होगी।

2. **तैयारी**:
    - साधना से पहले स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें।
    - साधना रात्रि 10 बजे शुरू होगी।

#### साधना की प्रक्रिया

1. **स्थल**:
    - यह साधना केवल श्मशान भूमि में ही की जाएगी।

2. **साधना की प्रक्रिया**:
    - काले वस्त्र पहनकर उत्तर दिशा की तरफ मुख करके बैठें।
    - सुरक्षा चक्र बनाएं। बिना सुरक्षा चक्र बनाए साधना शुरू न करें।
    - गणेश पूजन करें, फिर अपने कुलदेवता और भगवान शिव की एक माला जपें।
    - इसके बाद वाराही मंत्र का जाप करें। 

3. **मंत्र जाप का समय**:
    - मंत्र जाप रात्रि 10 बजे से लेकर सुबह 4 बजे तक करें।

4. **भोग**:
    - देसी दारू और मांस का भोग देवी वाराही को लगाएं।
    - बिना पीछे देखे घर वापस आ जाएं और स्नान कर लें।

### मंत्र सिद्धि के लाभ

- साधक पर किसी भी प्रकार की नकारात्मक शक्ति का असर नहीं होता।
- सम्मोहित करने की शक्ति बढ़ जाती है।
- नौकरी-व्यापार में अपार उन्नति होती है।
- शत्रुओं को पराजित करने की शक्ति प्राप्त होती है।
- कानूनी मामलों, मुकदमे में सफलता प्राप्त होती है।
- रोगों और बीमारियों से मुक्ति मिलती है।

### वाराही मंत्र सिद्धि

1. **मंत्र जाप**:
    - मंत्र का 21000 जाप करने से सिद्ध होता है।
    - नियमित जप से त्रिकाल ज्ञान प्राप्त होता है।
    - साधक को सभी प्रश्नों का उत्तर कान में मिलता है।

2. **होम**:
    - शहद के साथ तिल तथा बन्धूक पुष्प से होम करें।
    - होम का दशांश तर्पण, तर्पण का दशांश मार्जन और मार्जन का दशांश ब्राह्मण भोजन कराएं।

### विशेष विधियाँ

1. **स्तंभन कार्य**:
    - हल्दी की माला से जप करें।
    - शुभ कार्यों में कमल बीज, रुद्राक्ष, स्फटिक की माला से जप करें।
    - विशेष कार्य के लिए तामाल पत्रों से 400 आहुतियां दें।

2. **नजर उतारना और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा**:
    - जल या बताशे को मंत्र से अभिमंत्रित कर खिलाएं।
    - आलू या शकरकंद सूअर को खिलाएं।

3. **ताबीज की विधि**:
    - पीतल के दीपक में घी का दीपक जलाएं।
    - कच्चे आलू या शकरकंद रखें और दूध, केले का प्रसाद चढ़ाएं।

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धन्यवाद! जय महाकाली! हर हर महादेव!


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