Saturday, 4 May 2024

मंत्र साधना (सिद्ध कुंजिका मंत्र) मात्र 21 दिन में जिंदगी बदल देगा

 


### सिद्ध कुंजिका मंत्र: जीवन की समस्याओं का समाधान

**परिचय**
सिद्ध कुंजिका मंत्र जीवन में आने वाली हर प्रकार की समस्याओं को दूर करने के लिए अत्यधिक प्रभावशाली माना गया है। इसका गोपनीय जाप करने से अद्वितीय लाभ प्राप्त होते हैं। इस मंत्र का शक्ति से भरपूर होने के कारण इसे सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं होती है। यह स्वतः ही सिद्ध होता है और इसका जाप करने से माता आपकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं।

**सिद्ध कुंजिका मंत्र के लाभ**
1. **नकारात्मक ऊर्जा का नाश**: इस मंत्र का जाप करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा स्वतः ही नष्ट हो जाती है।
2. **सीखने की क्षमता में वृद्धि**: यह मंत्र आपके सीखने की क्षमता को बढ़ाता है, जिससे आप किसी भी कार्य को समझ और सीख सकते हैं।
3. **सही निर्णय लेने की क्षमता**: मंत्र के प्रभाव से व्यक्ति सही समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता प्राप्त करता है।
4. **स्मरण शक्ति में वृद्धि**: यह मंत्र व्यक्ति की स्मरण शक्ति को भी बढ़ाता है।
5. **कला का उभार**: इसके जाप से आपके अंदर की कला को उभारने में मदद मिलती है।
6. **दिव्य तेज**: इस मंत्र का पाठ करने वाले व्यक्ति के मुख पर एक दिव्य तेज रहता है।
7. **समाज में मान-सम्मान**: व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है।
8. **सुख-समृद्धि**: घर परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ती है और दिव्य ऊर्जा का प्रवाह होता है।
9. **कर्ज चुकाने की क्षमता**: साधक के अंदर कर्ज चुकाने की क्षमता आती है, जिससे नौकरी और व्यापार में लाभ मिलता है।
10. **पदोन्नति और भौतिक सुख**: नौकरी में पदोन्नति की संभावना बढ़ती है और हर तरह के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।
11. **नवग्रह दोष शांति**: नवग्रह दोष शांत हो जाते हैं और घर में रोग, शोक, कलह आदि का अंत होता है।
12. **आकर्षण और साहस में वृद्धि**: आपकी बातों और हाव-भाव में आकर्षण बढ़ता है और साहस में वृद्धि होती है।
13. **शत्रुओं से मुक्ति**: शत्रु आपसे दूर रहते हैं और आपकी बदनामी करने वाले शांत हो जाते हैं।

**सिद्ध कुंजिका मंत्र का अभ्यास**
शांत वातावरण में स्वच्छ और ढीले वस्त्र पहनकर किसी भी मुद्रा में बैठ जाएं। 10 बार सामान्य रूप से प्राणायाम करें। आज्ञा चक्र पर ध्यान केंद्रित करते हुए मंत्र का जाप करें। मंत्र इस प्रकार है:
```
ऐं ह्रीं  क्लीं चामुंडाय विच्चे ऊं गलूह ह्रीं  जूं  सहा ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं  क्लीं  चामुंडाए विच्चे ज्वल हम सम लम शब फट स्वाहा
```
इस मंत्र का उपांशु (गुप्त) जाप करें ताकि आवाज दूर तक न जाए। इस जाप को 15 मिनट तक करें और इसे 41 दिन तक नियमित रूप से करें।

**मंत्र जाप के नियम**
रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करें और मस्तिष्क एवं मन में एकाग्रता रखें। मंत्र जाप के दौरान क्रोध, लालच, आलस्य और झपकी न लें। गणेश जी, शिवजी और गुरुवर आदि इष्ट देवताओं को नमन करें। मंत्र का जाप करते समय पूर्ण श्रद्धा और विश्वास रखें।

**सिद्ध कुंजिका मंत्र के अभ्यास के नियम**
साधना काल में ब्रह्मचर्य का पालन करना अनिवार्य है। शारीरिक संबंध और गलत विचारों से बचें। अभ्यास समाप्त होने के बाद अश्वनी मुद्रा और वज्रोली मुद्रा का पालन करें। 

**दिशा निर्देश**
1. **नौकरी के लिए**: पूर्व दिशा की ओर मुख करके जाप करें।
2. **व्यापार के लिए**: पश्चिम दिशा की ओर मुख करके जाप करें।
3. **लाटरी या सट्टा के लिए **: उत्तर दिशा की ओर मुख करके जाप करें।
4. **निर्माण कार्य के लिए**: दक्षिण दिशा की ओर मुख करके जाप करें।

सिद्ध कुंजिका मंत्र का प्रभाव साधक को सभी प्रकार से परिपूर्ण बना देता है। इस मंत्र का अभ्यास करने से न केवल व्यक्तिगत जीवन में बल्कि समाज में भी सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। 
**निष्कर्ष**
सिद्ध कुंजिका मंत्र एक अचूक और शक्तिशाली मंत्र है जो सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान प्रदान करता है। इसके नियमित जाप से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इस मंत्र के प्रभाव से साधक समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त करता है और जीवन में अद्वितीय सफलता हासिल करता है।







No comments:

Post a Comment