Friday, 28 June 2024

वैष्णवी शक्ति सत्य रूपा योगनी प्रत्यक्षीकरण लुप्त सच्ची साधना

 


साधना और सिद्धि की प्रक्रिया अत्यंत गोपनीय और शक्ति प्रदान करने वाली होती है। इस प्रकार की साधना के लिए कुछ विशेष नियम और अनुशासन का पालन करना आवश्यक होता है। आइए, इस लेख को चरणबद्ध तरीके से देखते हैं:


### साधना की तैयारी


1. **स्थान की पवित्रता**: साधना का स्थान पूरी तरह से पवित्र होना चाहिए और वहाँ किसी अन्य व्यक्ति का प्रवेश वर्जित होना चाहिए। यदि कोई वहां प्रवेश करता है, तो साधना खंडित मानी जाएगी।

   

2. **साधना प्रारंभ करने का समय**: साधना प्रारंभ करने का सबसे शुभ समय गुरुवार की रात है। आपको पुष्प योग या किसी शुभ दिवस का चयन करना होगा। 


### साधना की अवधि


1. **साधना का समय**: यह साधना 41 दिन तक चलती है। इस दौरान आपको पूरी निष्ठा और अनुशासन के साथ साधना करनी होती है।


### सामग्री


1. **माला**: आप पीली हल्दी की माला या शुद्ध पीली माला का प्रयोग कर सकते हैं। तुलसी की माला का भी प्रयोग किया जा सकता है।


### प्रारंभिक प्रक्रिया


1. **प्रणायाम**: साधना शुरू करने से पहले अच्छे से प्रणायाम करें। यह आपके मन और शरीर को शांत और शुद्ध करेगा।

   

2. **मंत्र जाप**: साधना प्रारंभ करने से पहले आपको निम्नलिखित मंत्रों का जाप करना होगा:

   - एक माला गुरु मंत्र की

   - एक माला भगवान शिव की

   - एक माला भगवान नारायण की

   - एक माला माता काली के मंत्र की


### मुख्य साधना


1. **मंत्र जाप**: मुख्य साधना में आपको 51 माला का जाप करना होगा। इस दौरान पीली हल्दी की माला या शुद्ध पीली माला का प्रयोग करें।

   

### देवी का आवाहन


1. **मंत्र**: देवी वैष्णवी योगिनी का मंत्र इस प्रकार है:

   ```

   ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री वैष्णवी सत्यरूपिणी स्वाहा ।।

   ```

   यह मंत्र अत्यंत गोपनीय और शक्तिशाली है।


### विशेष निर्देश


1. **भक्ति और श्रद्धा**: देवी की साधना केवल माता के रूप में ही करें और उनसे अपनी रक्षा और सहायता की कामना करें।

   

2. **नकारात्मकता और ब्रह्मचर्य**: साधना के दौरान किसी भी प्रकार की नकारात्मकता और ब्रह्मचर्य का भंग न हो।


### साधना का महत्व


1. **योगिनी शक्ति**: यह माता वैष्णवी की योगिनी शक्ति है जो हिमालय में निवास करती है। साधना से आपको स्वप्न में या साक्षात दर्शन भी हो सकते हैं।


### संस्कृति की रक्षा


1. **साधना का प्रचार**: इस दुर्लभ साधना को साझा करें ताकि इसे विलुप्त होने से बचाया जा सके। यही हमारा कर्तव्य है।


2. **धर्म की रक्षा**: धर्म की रक्षा और वृद्धी करने का हमारा कर्तव्य है। धर्म आपकी रक्षा करेगा।


इस प्रकार, उपरोक्त चरणों और निर्देशों का पालन करते हुए आप इस साधना को पूर्ण कर सकते हैं और देवी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। जय महाकाली! हर हर महादेव!

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