Saturday, 20 July 2024

हनुमान चालीसा तंत्र: संकट निवारण और सिद्धि के अचूक उपाय


**हनुमान चालीसा तंत्र: संकट निवारण और सिद्धि के अचूक उपाय**

हनुमानजी की भक्ति और उनके मंत्र, स्तोत्र, तथा तंत्रों का पालन करने से मनुष्य को हर संकट से मुक्ति और हर कार्य में सफलता मिलती है। यहाँ हम कुछ अद्वितीय तंत्रों के बारे में जानेंगे जो आपके जीवन की कठिनाइयों को दूर कर सकते हैं और आपकी मनोकामनाओं की पूर्ति कर सकते हैं।

### हनुमान चालीसा तंत्र

हनुमान चालीसा का अनुष्ठान अत्यंत प्रभावशाली होता है। यदि आप किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति चाहते हैं तो हनुमान चालीसा के सौ पाठ ४१ दिनों तक नित्य प्रातः करें। यह अनुष्ठान आप अपने घर के मंदिर या पीपल के पेड़ के नीचे कर सकते हैं। अनुष्ठान के समापन के दिन हनुमानजी को चोला चढ़ाएं।

हनुमान चालीसा और श्रीराम नाम के साथ तिल और गुग्गल से हवन करें। ब्राह्मण को भोजन कराएं और ५-७ या ११ बच्चों को भी भोजन कराएं। इससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी और दुख दूर होंगे।

### तेल अभिषेक तंत्र

हनुमान जी के समक्ष सुंदरकाण्ड, हनुमान चालीसा, और राम रक्षास्तोत्र का पाठ करें। एक तांबे के पात्र में बारीक छेद करके उसे हनुमानजी की प्रतिमा के ऊपर लटका दें। उसमें शत्रुनाश के लिए सरसों का तेल, सर्वकामना सिद्धि के लिए तिल का तेल, और धनवृद्धि तथा सौभाग्य के लिए चमेली का तेल डालकर अभिषेक करें। तैल का संग्रह करके शाम को उससे दीपक जलाएं। यदि वह दीपक कोई रोग से पीड़ित लगाए तो वह आरोग्य प्राप्त करता है।

अनुष्ठान समाप्त होने पर हनुमान जी को चोला चढ़ाएं, श्रृंगार करें और भोग लगाएं।

### संकट निवारणार्थ तंत्र

तुलसी के पत्तों पर केसर और चन्दन से रामनाम लिखें और उनकी माला बनाकर हनुमानजी को पहनाएं। अथवा लौंग की माला बनाकर पहनाएं। इससे क्रूर ग्रहों की दशा शांत होती है।

### हनुमत सहस्त्रनाम प्रदक्षिणा

हनुमान सहस्त्रनाम का पाठ करते हुए १००८ परिक्रमा करने से सभी संकट दूर हो जाते हैं। यदि सहस्त्रनाम नहीं पढ़ सकते हैं, तो हनुमान चालीसा पढ़ते हुए परिक्रमा करें।

### कठिन कार्य सिद्धि तंत्र

कठिन कार्यों की सिद्धि के लिए हनुमानजी को नख से लेकर शिर तक चोला चढ़ाएं। कार्य सिद्ध हो जाने पर पुनः शिर से लेकर पैर तक हनुमानजी को चोला चढ़ाएं और हवन करें।

### शत्रु पर विजय प्राप्ति एवं रोग निवारण

हनुमानजी की प्रतिमा के सामने विभीषण कृत हनुमद बडवानल स्तोत्र या शत्रुन्जय हनुमत स्तोत्र का ११, २१, ३१, या १०८ बार पाठ करें। इससे शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है और रोग निवारण होता है।

इन तंत्रों का पालन करके आप हनुमानजी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन की हर कठिनाई का समाधान पा सकते हैं। हनुमानजी की भक्ति से न केवल संकट दूर होते हैं, बल्कि जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता का मार्ग भी प्रशस्त होता है।




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