यहाँ पर आपके द्वारा दी गई महाकाली वीर साधना को विशेष शैली में प्रस्तुत किया गया है:
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**महाकाली वीर साधना**
वीर साधना सदा से साधकों के मध्य प्रचलित रही है। वीर कई प्रकार के होते हैं। उनमें से ही एक है महाकाली वीर। इस वीर की उत्पत्ति महाकाली से ही होती है तथा ये उन्हीं में विलीन हो जाता है। यह कई कार्य संपन्न कर सकता है जैसे साधक को सुरक्षा प्रदान करना, कई प्रकार की जानकारी लाकर देना, कई गोपनीय साधनाओं के विषय में बताना आदि। सभी कार्य कर सकता है जो साधक आदेश देता है।
वास्तव में इस वीर की अपनी कोई शक्ति नहीं होती है। यह महाकाली से शक्ति प्राप्त करता है, अतः इससे कभी कोई अनैतिक कार्य नहीं करवाया जा सकता है, अन्यथा यह साधक को छोड़कर पुनः महाकाली में समा जाता है, और दुबारा कभी सिद्ध नहीं होता है। साधना जितनी रोचक है उतनी ही उग्र भी है, अतः निडर व्यक्ति ही इसे करे तथा गुरु आज्ञा से ही साधना की जाये। साधना में यदि कोई हानि होती है तो उसके लिये हम जिम्मेदार नहीं हैं, अतः स्वयं के विवेक का प्रयोग करें।
**विधि:**
1. **साधना स्थान**: श्मशान, निर्जन स्थान, या नदी तट पर करे। यदि यह संभव न हो तो किसी ऐसे कक्ष में करे जहाँ कोई साधना पूर्ण होने तक न आये। आपके आसन व वस्त्र काले हों तथा दिशा दक्षिण हो।
2. **स्थापना**: सामने एक नीला वस्त्र बिछाएँ, उस पर महाकाली का कोई भी चित्र स्थापित करें। गुरु तथा गणेश पूजन संपन्न करें, तथा सुरक्षा घेरा खींच लें। अब महाकाली का सामान्य पूजन करें, सरसों के तेल का दीपक लगाएँ। लोबान की अगरबत्ती जलाएँ, भोग में गुलाबजामुन रखें। यह नित्य साधना स्थल पर ही छोड़ कर आ जाना है। यदि आप घर में कर रहे हैं तो नित्य गाय को खिला दें। उत्तम रहेगा यदि आप नित्य भोग भैरव मंदिर में रख आएं।
3. **प्रार्थना**: माँ से प्रार्थना करें कि वे अपने वीर को भेजें। और रुद्राक्ष माला या काली हकिक माला से पहले निम्न मंत्र की ११ माला संपन्न करें।
**मंत्र:**
`|| जंत्र काली मंत्र काली तंत्र काली ||`
4. **जप**: अब नीचे दिए गए मंत्र को लगातार माँ के चित्र की ओर देखते हुए एक घंटे तक जाप करें बिना किसी माला के।
**मंत्र:**
`|| वीर वीर महाकाली को वीर, आवो टूटे मेरो धीर, महाकाली की दुहाई दू, तुझको काली मिठाई दू, मेरो हुकुम पूरण करो, जो यहाँ न आओ तो महाकाली को खडग पड़े, तू चटक कुआँ में गिर मरे, आदेश आदिनाथ को आदेश आदेश आदेश ||`
5. **अवधि**: साधना ४१ दिन करे। वीर माँ के चित्र से ही प्रत्यक्ष होता है। जब सामने आये तो डरे नहीं, भोग की मिठाई उसे दे दे, और वचन ले ले कि में जब तुम्हे बुलाऊंगा तब आना और मेरे कार्य पूर्ण करना।
**स्मरण रहे:**
- कोई गलत कार्य न करवाना अन्यथा सिद्धि समाप्त, और पुनः कभी सिद्ध होगी भी नहीं अतः सावधान रहें।
- कभी-कभी वीर साधना पूर्ण होने के पहले ही आ जाता है, तब भी उससे बोले नहीं, जाप करते रहें।
- यदि जाप के बाद भी वह वही रहे और आपसे बात करे तो मिठाई देकर वचन ले ले। और साधना को वहीं समाप्त कर दे।
माँ आपका कल्याण करें।
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इस विशेष शैली में मंत्र को लिखा गया है, जो उसकी अद्वितीयता को बनाए रखता है।
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