भैरव जी की कृपा प्राप्ति हेतु एक अद्भुत प्रयोग:
सामग्री:
- एक सेर आटा
- पाव भर देशी खांड
- थोड़ी इलायची, सौंफ (पिसी हुई)
- पानी (आटा गूंथने के लिए)
- सरसों का तेल
- सिंदूर
- धूप-दीप
- एक कुत्ता
विधि:
- आटा, खांड, इलायची और सौंफ को मिलाकर अच्छी तरह गूंथ लें।
- इस आटे से एक मोटी रोटी बनाकर उस पर सरसों का तेल लगाएं।
- रोटी के बीच में सिंदूर का टीका लगाएं।
- टीके से थोड़ी दूरी पर रोटी का एक गोल टुकड़ा काट लें।
- अब इस गोलाकार टुकड़े को भी बीच से काटकर दो भाग बना लें, ध्यान रहे कि एक भाग में सिंदूर का टीका पूरा रहना चाहिए।
- इन दोनों टुकड़ों को मिलाकर फिर से रोटी के बीच में रख दें।
- भैरव मंदिर जाकर भगवान को धूप-दीप अर्पित करें।
- रोटी के सभी भागों को भोग लगाकर अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।
- सिंदूर वाले टुकड़े को किसी कुत्ते को खिला दें।
- बचे हुए आधे गोल टुकड़े को किसी कुएं में डाल दें।
- बाकी बची रोटी को कुत्ते को खिला दें, लेकिन एक टुकड़ा अपने घर ले आएं और उसे सुरक्षित स्थान पर रखें।
विशेष:
- इस प्रयोग का फल असाध्य कार्य में सफलता और भैरव जी की कृपा प्राप्ति होगी।
- यह प्रयोग केवल अपनी और अपने परिवार की भलाई के लिए ही करें, किसी की बुराई के लिए नहीं।
अन्य बातें:
- यह प्रयोग थोड़ा जटिल है, इसलिए यदि आप इसे करने में असहज महसूस करते हैं तो किसी अनुभवी व्यक्ति से सलाह लें।
- यदि आप भैरव जी की पूजा-अर्चना नियमित रूप से करते हैं तो इस प्रयोग का फल और भी जल्दी मिल सकता है।
- अपनी मनोकामना में पूर्ण विश्वास रखें और सकारात्मक सोच रखें।
यह प्रयोग आपको भैरव जी की कृपा प्राप्त करने में अवश्य सहायक होगा।
शुभकामनाएं!
भैरव जी की कृपा प्राप्ति हेतु एक दुर्लभ प्रयोग –
..कुछ थोड़ी लोन्ग-इलायची-सौंफ पीसकर एक सेर आटे में मिला ले ! पाव भर देशी खांड और ओर उतना ही पानी मिला ले की जिससे आटा सुलभता से गुंथा जा सके ! इस गुंथे आटे से केवल एक ही रोटी बनानी है ! जब रोटी बन जाये तो उसमे कुछ सरसों का तेल चुपड़ दे ! इस रोटी के ठीक बीच में सिंदूर का एक टीका लगाये ! टीके से कुछ दूरी पर रोटी का एक गोलाकार टुकड़ा काटे -[यानि गोल टुकड़े के बीच में टीका आना चाहिए] ! अब इस गोलाकार टुकड़े को भी बीच में से काटकर-[निम्बू की तरह] दो भाग बना ले , किन्तु ऐसा काटे की एक भाग में टीका पूरा आना चाहिए ! अब इन टुकडो को फिर से जोड़ -मिलाकर रोटी के बीच में रख दे ! अब भैरव मंदिर जाकर भगवान को धूप-दीप दे ! रोटी के सभी भागो को भगवान के भोग हेतु अर्पित कीजिये और अपने किसी भी कार्य की सिद्धि हेतु प्रार्थना कीजिये ! अब टीका लगा हुवा टुकड़ा श्वान-[कुत्ता] को खिला दे , बचा हुवा आधा गोल टुकड़ा किसी कुए में फेंक दे ! शेष बची हुयी रोटी को भी टुकड़े करके श्वान को ही दे ,,, किन्तु एक टुकड़ा बचाकर अपने घर ले आये ! और घर में ही किसी सुरक्षित स्थान में रख दे ! इस क्रिया के फल स्वरूप प्रयोगकर्ता का असाध्य कार्य में सफलता सिद्ध होगी ! और उस पर भैरव जी की विशिष्ट कृपा बनी रहेगी ! प्रयोगकर्ता को चाहिए की अपने और अपने परिवार की प्रसन्नता -सुख समृद्धि हेतु ही ये प्रयोग करे————-किसी के अनिष्ट की कामना को ध्यान में कदापि भी न रखे !
No comments:
Post a Comment