**नमस्कार, पंडित नरेश नाथ यूट्यूब चैनल पर आपका स्वागत है।**
आज मैं आपको एक ऐसी विधि बताने जा रहा हूँ जिसमें आपको किसी मंत्र, पूजा, साधना की आवश्यकता नहीं है। आप मात्र 10 मिनट में शक्तियों को प्रत्यक्ष कर सकते हैं। यह विधि मेरी डायरी में थी जो समय के साथ खो गई थी, लेकिन अब मुझे यह विधि फिर से मिल गई है। यह विधि 100% सफल है और इसे कई वर्षों से आजमाया जा रहा है।
**विधि की तैयारी:**
1. **स्थान**: किसी निर्जन स्थान पर जाएँ, जैसे जंगल, खंडहर या वीरान जगह।
2. **सामान**:
- माया सायला: पांच तोला
- माया या बसा: पांच तोला
- कीकर के कोयले
- मिट्टी का बर्तन (हांडी/अंगीठी)
- कपूर की दो-तीन टिकिया
**विधि का समय:**
शुक्ल पक्ष की 27वीं रात को, जब पुष्प नक्षत्र हो। यह रात अमावस्या से एक दिन पहले होती है। ठीक 12 बजे इस विधि को प्रारंभ करें।
**विधि का संचालन:**
1. निर्जन स्थान पर पहुँच कर कोयलों को कपूर की मदद से जलाएं।
2. माया सायला और माया या बसा को कूट कर मिला लें।
3. बर्तन में जलते कोयलों पर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में मिश्रण डालें।
4. धुएं के उठते ही चारों ओर से शक्तियाँ आकर्षित होकर आएंगी।
5. धुएं की खुशबू से शक्तियाँ आपके पास आएंगी, आप उनसे अपनी मनोकामना कह सकते हैं।
6. कोई मंत्र नहीं पढ़ना है, कोई विशेष दिशा या वस्त्र नहीं आवश्यक हैं।
7. अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें, सुरक्षा कवच साथ रखें।
**महत्वपूर्ण सुझाव:**
- विधि को करते समय डरें नहीं, शक्तियाँ आपको नुकसान नहीं पहुँचाएंगी।
- अपनी बात स्पष्ट और आदरपूर्वक शक्तियों से करें।
- एक या दो व्यक्ति साथ जा सकते हैं, लेकिन भीड़ ना बनाएं।
**सुरक्षा:**
- शारीरिक सुरक्षा का ध्यान रखें, सुरक्षा कवच पहनें।
- शक्तियाँ आपके प्रति मित्रवत रहेंगी।
**अंतिम विचार:**
यह विधि सरल है और योग्य गुरु की देखरेख में इसे कोई भी आजमा सकता है। यदि आपको यह विधि पसंद आई हो, तो कृपया लाइक, शेयर और सब्सक्राइब करें।
आपका मंगल हो। जय महाकाली! हर हर महादेव!
धन्यवाद।

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