Friday, 19 July 2024

सिद्ध शाबर मंत्र



**ॐ नमो**

कोटि वज्र पर शिला, तापर बैठे शोषा वीर, ताके साथ नवनाथ बैठे, चौरासी सिद्ध बैठे। ठ: ठ: ठ: ह्रीं ह्रीं आगच्छ मत्-समिप्य त्वरमान्य त्रैलोक्य पर्यन्तान भूतानामकान शिघ्र मानय हुं फट प: प:!

इस मंत्र का जाप किसी शुभ दिवस में तीर्थ स्थान पर जाकर 108 बार काले ऊन की बनी माला से करें। तत्पश्चात रात्रि में 108 जाप करें। जप के आदि और अंत में तीर्थ की बलि प्रदान करें। दक्षांश होम करें तो सिद्धि होगी। सिद्धि उपरांत संकल्प करके सात दिनों तक उक्त विधि से सिद्ध मंत्र का जाप करें। कार्य पूर्ण होगा, उच्च से उच्च अधिकारी वशीभूत होगा। यदि चौदह दिवस जाप करें विधि अनुसार तो सकल मनोरथ पूर्ण होगा।

**हवन सामग्री:**
- विभीतक
- धतुरे के फल
- चिन्चणी या सिहोर के पत्ते
- कपिथ्य या कैथे का गूदा

इनमें से किसी एक के साथ गाय का घी मिलाकर हवन करें।

**विशेष:**
यदि 1000 या 10000 की संख्या में प्रतिदिन जाप करें और दक्षांश आहुति करें, तो अधिकाधिक कार्य सफल होंगे। 

**सावधानी:**
हितकारी कार्य करें। यदि गलत कार्य हेतु प्रयोग करेंगे, तो तुरंत ही स्वयं का उल्टा हो जाएगा।

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